Lok Kathayen
लोक कथाएँ/कहानियाँ
लोककथाएं इतनी पुरानी हैं कि कोई भी
नहीं बता सकता कि उन्हें पहले-पहल किसने कहा होगा। लोक-कथाएं एक कान से
दूसरे कान में, एक देश से दूसरे देश में जाती रहती हैं। एक स्थान से दूसरे
स्थान पर जाने पर इन कथाओं का रूपरंग भी बदलता जाता है। एक ही कहानी
अलग-अलग जगहों में अलग-अलग ढंग से कही-सुनी जाती है। इस तरह लोक कथाएं
हमेशा नई बनी रहती हैं।-शंकर
लोककथाओं में सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें पशु-पक्षी, सुर-असुर, देव-परियां, पेड़-पौधे,
प्रकृति का मानवीकरण, चमत्कार आदि सभी कुछ होने के बावजूद मनुष्य के दुःख-सुख और उसकी अभिलाषाओं की तृप्ति निहित
रहती है । यह लोककथाएं ही हैं जो हमें बोध करवाती हैं कि मूल रूप में समस्त विश्व में
मनुष्य का स्वभाव एक जैसा ही है ।
भारत के विभिन्न प्रदेशों व विश्व के अन्य देशों की लोक कथाएँ
अरुणाचल प्रदेश की लोक कथाएँ
अंडमान निकोबार की लोक कथाएँ
आंध्र प्रदेश की लोक कथाएँ
उत्तर प्रदेश की लोक कथाएँ
ओड़िशा/उड़ीसा की लोक कथाएँ
संताड़ी/संताली/सांथाली लोक कथाएँ
उज़्बेकिस्तान की लोक कथाएँ
तुर्किस्तान/तुर्की की लोक कथाएँ
नीदरलैंड/हॉलैंड/डच लोक कथाएँ
पोलैंड/पोलिश की लोक कथाएँ
मलेशिया/मलाया की लोक कथाएँ
म्यांमार/बर्मा की लोक कथाएँ
युगोस्लाविया की लोक कथाएँ
यूक्रेनी/उक्रेनी लोक कथाएँ
लातविया/लैटविया की लोक कथाएँ
स्लोवाक/चेकोस्लोवाकिया लोक कथाएँ
स्विट्ज़रलैंड की लोक कथाएँ