कृतघन्ता : कोंकणी/गोवा की लोक-कथा
Kritghanta : Lok-Katha (Goa/Konkani)
गोवा में बहुत सी धाराएँ हैं, जो
समुद्र की ओर बहती हैं। पुराने दिनों में उन्हें पार करने के लिए छोटो नावों का इस्तेमाल
किया जाता था। तब कोई पुल नहीं होता था और कोई सरकारी डॉक्टर नहीं था। गाँव का
चिकित्सक इन नावों पर कई गाँवों में जाता था। मरीज के उपचार के बाद वापस जाते
समय नाव पर डॉक्टर को जो पैसे दिए जाते थे, वही उसकी आय का स्रोत था।
एक बार
एक मरीज बीमार था और उसका परिवार डॉक्टर को लेने आया। रोगी के उपचार के बाद
डॉक्टर रोगी के रिश्तेदारों के साथ नाव में वापस लौट रहा था। तभी एक बड़ा तूफान
आया। नाविक ने नाव में सवार लोगों से कहा कि वे एक व्यक्ति को नदी में फेंक दें,
जिससे नाव पर भार कम हो जाएगा।
तत्काल रोगी के रिश्तेदारों ने इसके लिए डॉक्टर को
चुन लिया। इससे उन्हें कई सारे लाभ मिल गए। उन्हें डॉक्टर को पैसे भी नहीं देने पड़े
और उनके रिश्तेदार का उपचार भी समाप्त हो चुका था।
(सुधा मूर्ति)