खम्भे के चारों तरफ मालकस : इतालवी लोक-कथा
Khambhe Ke Charon Taraf Malchus : Italian Folk Tale
मालकस की यह लोक कथा इटली के वेनिस शहर में लोकप्रिय है। वहाँ यह कथा इस तरीके से कही सुनी जाती है।
मालकस उन ज्यू लोगों का सरदार था जिसने हमारे लौर्ड को मारा। लौर्ड ने उन सबको तो माफ कर दिया था जिनका वह सरदार था पर उन्होंने मालकस को कभी माफ नहीं किया था क्योंकि उसने मडोना को मारा था।
इस समय वह एक पहाड़ के नीचे बन्द है और वहाँ उसको बिना आराम किये इस दुनिया के आखिरी समय तक एक खम्भे के चारों तरफ घूमने की सजा मिली हुई है।
जब भी वह उस खम्भे के चारों तरफ घूमता है तो उस घूँसे की याद में जो उसने हमारे लौर्ड की माँ को मारा था उस खम्भे को घूँसा मारता है।
वह उस खम्भे के चारों तरफ इतना ज़्यादा चल चुका है कि वह जमीन में काफी धँस गया है क्योंकि उसके चलने से वह जमीन वहाँ से टूटती जा रही है। इस समय उसकी केवल गरदन ही बाहर है।
जब उसका सिर भी उस जमीन के अन्दर चला जायेगा तब यह दुनिया खत्म हो जायेगी। तब भगवान उसको उसके लिये बनायी जगह भेज देंगे।
कुछ लोग हैं जो उससे मिलने आते रहते हैं। जब भी कोई उससे मिलने जाता है तो वह उनसे पूछता है कि क्या अभी बच्चे जन्म ले रहे हैं।
और जब वे कहते हैं कि “हाँ” तो वह एक गहरी साँस भर कर कहता है कि “ओह तो फिर अभी समय नहीं आया है।”
क्योंकि उसका समय आने से सात साल पहले यानी इस दुनिया के खत्म होने से सात साल पहले से बच्चे पैदा होने बन्द हो जायेंगे। वह उसी समय का इन्तजार कर रहा है।
(साभार : सुषमा गुप्ता)