पिटिड्डा : इतालवी लोक-कथा

Pittida : Italian Folk Tale

एक बार की बात है कि एक माँ थी जिसके एक बेटी थी। उस बेटी का नाम था पिटिड्डा। एक दिन माँ ने अपनी बेटी से कहा — “बेटी ज़रा घर साफ कर दे।”

बेटी बोली — “माँ पहले मुझे रोटी दे मुझे बहुत भूख लगी है उसके बाद ही मैं घर साफ करूँगी।”

माँ बोली — “मैं अभी तुझे रोटी नहीं दे सकती।”

जब माँ ने देखा कि यह लड़की घर साफ नहीं कर रही तो उसने भेड़िये को बुलाया और उससे कहा — “भेड़िये तू आ कर पिटिड्डा को खा ले क्योंकि पिटिड्डा मेरा घर साफ नहीं करती।”

भेड़िया बोला — “मैं पिटिड्डा को नहीं खा सकता।”

यह देख कर माँ ने कुत्ते से कहा — “आ रे कुत्ते तू आ, तू आ कर इस भेड़िये को खा ले। क्योंकि भेड़िया पिटिड्डा को नहीं खाता, क्योंकि पिटिड्डा मेरा घर साफ नहीं करती।”

कुत्ता बोला — “मैं भेड़िये को नहीं खा सकता।”

इस पर माँ ने डंडे को बुलाया और उससे कहा — “आ रे डंडे आ और आ कर इस कुत्ते को मार। क्योंकि कुत्ता भेड़िये को नहीं खाता, भेड़िया पिटिड्डा को नहीं खाता, क्योंकि पिटिड्डा मेरा घर साफ नहीं करती।”

डंडा बोला — “मैं कुत्ते को नहीं मार सकता उसने मेरा कुछ नहीं बिगाड़ा।”

माँ ने फिर आग से कहा — “तब आ री आग तू आ। तू आ कर इस डंडे को जला दे क्योंकि डंडा कुत्ते को नहीं मारता, कुत्ता भेड़िये को नहीं खाता, भेड़िया पिटिड्डा को नहीं खाता, क्योंकि पिटिड्डा मेरा घर साफ नहीं करती।”

आग बोली — “मैं डंडे को नहीं जला सकती उससे मेरी कोई दुश्मनी नहीं है।”

माँ बोली — “तो पानी आ कर तुझे बुझा जायेगा। आ रे पानी इधर आ और आ कर इस आग को बुझा जा क्योंकि आग डंडे को नही जलाती, डंडा कुत्ते को नहीं मारता, कुत्ता भेड़िये को नहीं खाता, भेड़िया पिटिड्डा को नहीं खाता, क्योंकि पिटिड्डा मेरा घर साफ नहीं करती।”

पानी बोला — “मैं आग नहीं बुझा सकता उसने मेरा क्या बिगाड़ा है।”

माँ बोली — “तो गाय आ कर तुझे पी जायेगी। आ री गाय आ और इस पानी को पी जा क्योंकि पानी आग नहीं बुझाता।

आग डंडे को नही जलाती, डंडा कुत्ते को नहीं मारता, कुत्ता भेड़िये को नहीं खाता, भेड़िया पिटिड्डा को नहीं खाता, क्योंकि पिटिड्डा मेरा घर साफ नहीं करती।”

गाय बोली — “मैं पानी नहीं पी सकती उससे मेरी कोई दुश्मनी नहीं है।”

माँ बोली — “तो रस्सी आ कर तेरा गला घोट देगी।आ री रस्सी आ और आ कर गाय का गला घोट दे क्योंकि गाय पानी नहीं पीती, पानी आग नहीं बुझाता।

आग डंडे को नही जलाती, डंडा कुत्ते को नहीं मारता, कुत्ता भेड़िये को नहीं खाता, भेड़िया पिटिड्डा को नहीं खाता, क्योंकि पिटिड्डा मेरा घर साफ नहीं करती।”

रस्सी बोली — “मैं गाय का गला नहीं घोट सकती।”

माँ बोली — “तो चूहा आ कर तुझे काट देगा। आ रे चूहे आ और आ कर रस्सी काट जा क्योंकि रस्सी गाय का गला नहीं घोटती, गाय पानी नहीं पीती, पानी आग नहीं बुझाता।

आग डंडे को नही जलाती, डंडा कुत्ते को नहीं मारता, कुत्ता भेड़िये को नहीं खाता, भेड़िया पिटिड्डा को नहीं खाता, क्योंकि पिटिड्डा मेरा घर साफ नहीं करती।”

चूहा बोला — “मैं रस्सी को नहीं काट सकता रस्सी से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है।”

माँ बोली — “तो बिल्ली आ कर तुझे खा जायेगी। आ री बिल्ली आ और आ कर इस चूहे को खा ले क्योंकि चूहा रस्सी नहीं काटता, रस्सी गाय का गला नहीं घोटती, गाय पानी नहीं पीती, पानी आग नहीं बुझाता।

आग डंडे को नही जलाती, डंडा कुत्ते को नहीं मारता, कुत्ता भेड़िये को नहीं खाता, भेड़िया पिटिड्डा को नहीं खाता, क्योंकि पिटिड्डा मेरा घर साफ नहीं करती।”

यह सुन कर बिल्ली चूहा खाने भागी। बिल्ली को आता देख कर चूहा रस्सी काटने भागा। चूहे को आता देख कर रस्सी गाय का गला घोटने भागी। रस्सी को आता देख कर गाय पानी पीने भागी। गाय को आता देख कर पानी आग बुझाने के लिये भागा।

पानी को आता देख कर आग डंडे को जलाने के लिये भागी। आग को आता देख कर डंडा कुत्ते को मारने भागा। डंडा आता देख कर कुत्ता भेड़िये को खाने भागा। कुत्ते को आता देख कर भेड़िया पिटिड्डा को खाने भागा।

और भेड़िये को आता देख कर पिटिड्डा घर साफ करने भागी और जब पिटिड्डा ने घर साफ कर लिया तभी उसकी माँ ने उसको खाने के लिये रोटी दी।

कहा न मानने वाला बेटा

ऐसी ही एक कहानी नैपिल्स में भी कही जाती है। उस कहानी में एक माँ अपने बेटे को जानवरों के लिये चारा लाने के लिये भेजना चाहती है पर वह जब तक नहीं जाना चाहता जब तक कि उसकी माँ उसको मैकैरोनी नहीं देती जो उसने तभी तभी पकायी है।

इस पर वह उसके लिये कुछ मैकैरोनी बचा कर रखने का वायदा करती है और वह जानवरों के लिये चारा लाने चला जाता है। उसके जाने के बाद वह करीब करीब सारी मैकैरोनी खा जाती है। अपने बेटे के लिये बहुत थोड़ी सी मैकैरोनी छोड़ती है।

जब उसका बेटा जानवरों का चारा ले कर घर लौटता है तो वह उस थोड़ी सी मैकेरोनी को देख कर बहुत रोता है और उसको खाने से मना कर देता है।

तब उसकी माँ डंडे को आग को पानी को बैल को रस्सी को चूहे को बिल्ली को उसको अपना कहा मानने के लिये बुलाती है। और तब जा कर उसका बेटा मैकैरोनी खाता है।

यह कहानी इटली के सियना और फ्लोरैन्स शहरों में भी करीब करीब इसी तरीके से कही सुनी जाती है।

इटली के वेनिस शहर में कही सुनी जाने वाली लोक कथा में एक शैतान लड़का स्कूल नहीं जाता तो उसकी माँ कुत्ता डंडा आग पानी बैल कसाई और सिपाही को बुलाती है।

(साभार : सुषमा गुप्ता)

  • इटली की कहानियां और लोक कथाएं
  • भारतीय भाषाओं तथा विदेशी भाषाओं की लोक कथाएं
  • मुख्य पृष्ठ : संपूर्ण हिंदी कहानियां, नाटक, उपन्यास और अन्य गद्य कृतियां