बर्फ का आदमी और वसन्त का दूत : अमरीकी लोक-कथा

Iceman and the Messenger of Spring : American Lok-Katha

(Folktale from Native Americans, Cherokee Tribe/मूल अमेरिकी, चेरोकी जनजाति की लोककथा)

एक बार बर्फ का आदमी एक जमी हुई नदी के किनारे एक तम्बू में बैठा हुआ था। उसकी आग बुझ गयी थी। वह बहुत बूढ़ा हो चला था और कुछ उदास भी था। उसके बाल सफेद और बहुत लम्बे थे। वहाँ रोज ही जाड़े के तेज़ तूफानों की आवाज सुनायी देती थी और कुछ भी नहीं।

एक दिन जब बर्फ के आदमी की आग का आखिरी अंगारा भी बुझने वाला था तो उसने देखा कि एक जवान लड़का उसके तम्बू की ओर बढ़ा चला आ रहा है।

लड़के के गाल लाल थे, आँखें खुशी से चमक रहीं थीं और वह मुस्कुरा रहा था। वह हल्के हल्के कदमों से तेज़ तेज़ चल रहा था और उसके सिर के चारों ओर मुलायम घास की एक माला बँधी हुई थी। उसके हाथ में ताज़े फूलों का एक गुच्छा था।

बर्फ के आदमी के पास आ कर उस लड़के ने उसको नमस्ते की तो बर्फ के आदमी ने कहा — “आओ बेटा, अन्दर आओ। मुझे तुमको देख कर बहुत खुशी हुई पर तुम यह तो बताओ कि तुम यहाँ क्यों आये हो?”

लड़का बोला — “मैं वसन्त का दूत हूँ।”

इस पर बर्फ का आदमी बोला — “ओह, तब मैं तुम्हें अपनी ताकत के बारे में बताता हूँ कि मैं क्या क्या कर सकता हूँ फिर तुम मुझे बताना कि तुम क्या क्या कर सकते हो।”

यह कह कर बूढ़े बर्फ के आदमी ने अपनी दवाओं की पोटली में से एक पाइप निकाला और उसको खुशबूदार पत्तियों से भर दिया। फिर उसको उसने अपने आखिरी कोयले से जलाया और उसका धुँआ चारों दिशाओं में उड़ा कर वह पाइप उस लड़के को दे दिया।

फिर वह बोला — “जब मैं अपनी साँस छोड़ता हूँ तो नदियों में बहता पानी रुक जाता है, जम जाता है और पारदर्शक भी हो जाता है। जब मैं अपने लम्बे बालों को झटकता हूँ तो सारी धरती बर्फ से ढक जाती है।

मेरे कहने पर पेड़ों की पत्तियाँ कत्थई पड़ जाती हैं और पेड़ों से गिर जाती हैं और मेरी साँस का एक झोंका उनको उड़ा कर बहुत दूर ले जाता है। पानी वाली चिड़ियें झीलों से उठ कर उड़ कर दूर देश चली जाती हैं।

मेरी साँस से तो जानवर भी डर जाते हैं। वे धरती में जा कर छिप जाते हैं और उनके ऊपर की धरती सख्त हो जाती है।”

यह सब सुन कर वह लड़का मुस्कुराया और बोला — “मैं जब अपने बाल झटकता हूँ तो धीमी धीमी वर्षा होने लगती है। नये नये पौधे धरती से बाहर झाँकने लगते हैं। मेरी गर्म साँसों से नदियों का जमा हुआ पानी पिघल जाता है।

अपनी आवाज से मैं चिड़ियों को वापस बुला सकता हूँ। मैं जिस जिस जंगल से हो कर गुजर जाता हूँ उन उन को मैं उन चिड़ियों के मीठे गीतों से भर देता हूँ।”

सूरज आसमान में काफी ऊपर उठ आया था और उसकी हल्की गर्मी धरती पर चारों ओर फैलने लगी थी। बर्फ का आदमी चुपचाप बैठा लड़के की ताकत को सुन रहा था कि इतने में उसने एक रोबिन और एक ब्लू बर्ड को अपने तम्बू के ऊपर चहचहाते सुना।

बाहर नदियों के पानी की कलकल की आवाज भी उसको सुनायी पडी,। चारों तरफ खुशबूदार फूल खिल गये जिससे चारों तरफ उनकी खुशबू फैल गयी।

लड़के ने देखा कि बूढ़े की आँखों में आँसू थे। जैसे जैसे सूरज की गर्मी बढ़ती गयी वह बूढ़ा छोटा और छोटा और बहुत छोटा होता गया और धीरे धीरे सारा का सारा पिघल गया।

उसकी आग भी अब नहीं रही। उसकी जगह पर गुलाबी धारी वाला एक फूल खिला जिसका नाम लोगों ने रखा स्प्रिंग ब्यूटी, क्योंकि वही सबसे पहला पौधा था जिससे जाड़े के जाने का पता चलता था।

(साभार सुषमा गुप्ता जी, जिन्होंने लोक-कथाओं पर उल्लेखनीय काम किया है)

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