सीधा कुत्ता और चालाक लोमड़ा : इथियोपिया की लोक-कथा
Seedha Kutta Aur Chalaak Lomda : Ethiopia Folk Tale
एक बार एक कुत्ता और एक लोमड़ा शिकार करने के लिये निकले। कुत्ता तो सीधा था पर लोमड़ा बहुत चालाक था। रास्ते में बारिश शुरू हो गयी तो दोनों भीगने से बचने के लिये एक गुफा में घुस गये।
वह गुफा इत्तफाक से एक शेर की थी और इन दोनों के पीछे पीछे वह शेर भी बारिश से बचने के लिये अपनी गुफा में आ पहुंचा।
शेर को देख कर कुत्ते की तो सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी। वह डर के मारे काँपने लगा और उसके मुंह से घुटी घुटी सी आवाजें निकलने लगीं।
पर लोमड़ा बहुत चालाक था। उसने तुरन्त ही कुछ सोचा और कुत्ते को ज़ोर से पुकारा और बोला - "ए कुत्ते, यह अपना भौंकना बन्द करो और जा कर बाहर से उस बकरे के माँस का एक टुकड़ा ले कर आओ जो हमने पास में ही छोड़ा था।"
कुत्ता सीधा तो जरूर था पर थोड़ा समझदार भी था। वह तुरन्त समझ गया कि उसे क्या करना है। उसने तुरन्त ही लोमड़े की बात मानी और गुफा के बाहर की तरफ भाग लिया।
इधर शेर कुछ सन्तुष्ट सा दिखायी दे रहा था क्योंकि उसे इस बारिश में भी घर बैठे खाना मिल रहा था। जब कुछ देर के बाद भी कुत्ता वापस नहीं आया तो लोमड़ा कुछ परेशान सा दिखायी।
शेर ने पूछा - "लोमड़े भाई, क्या बात है, परेशान क्यों हो?"
लोमड़ा बोला - "यह हमारा कुत्ता जो है न, बस बहुत ही डरपोक और आलसी किस्म का है। मुझे बहुत ज़ोर की भूख लगी है और एक यह कुत्ता है जो अभी तक उस बकरे का माँस ले कर ही नहीं आया। मैं सोचता हूं कि मैं खुद ही जा कर वह माँस ले कर आता हूं ताकि हम दोनों पेट भर कर खाना तो खा सकें।"
शेर बोला - "हाँ भाई, भूख तो मुझे भी लगी है। अगर तुम्हारा कुत्ता ऐसा है तो ठीक है लोमड़े भाई तुम्हीं जाओ और जल्दी से माँस ले कर लौटो। मैं तब तक तुम्हारा यहीं इन्तजार करता हूं।"
"जो हुकुम" कह कर लोमड़ा भी गुफा से जल्दी जल्दी भाग गया और वह तो फिर यह जा और वह जा।
इस तरह लोमड़े ने शेर से अपनी और कुत्ते दोनों की जान बचायी। उधर शेर अभी भी अपनी गुफा में लोमड़े और कुत्ते दोनों का माँस लाने का इन्तजार कर रहा है।
(साभार : सुषमा गुप्ता)