बेवकूफ नौकर : इथियोपिया की लोक-कथा

Bewakoof Naukar : Ethiopia Folk Tale

एक बार इथियोपिया की राजधानी एडिस अबाबा में दो आदमी रहते थे - जोसेफ और अबेबे। दोनों के पास एक एक नौकर था और दोनों के नौकर परले दरजे के बेवकूफ थे इसलिये दोनों के मालिक उनसे बहुत परेशान रहते थे।

एक दिन जोसेफ और अबेबे दोनों बाजार गये। दोनों बहुत दिनों बाद मिले थे सो दोनों में बहुत सारी बातें हुईं, अपनी खेती की, अपने परिवारों की, मौसम की आदि आदि। और फिर आखीर में बात आयी उनके बेवकूफ नौकरों की।

जोसेफ बोला - "मेरा नौकर तो इतना बेवकूफ है कि वह रोज मुर्गे की हड्डियाँ जमीन में गाड़ देता है और सोचता है कि इस तरह जमीन से एक दिन बहुत सारे मुर्गे उग आयेंगे।"

अबेबे बोला - "शायद मेरा नौकर तुम्हारे नौकर से ज़्यादा बेवकूफ है। वह सोचता है कि पेड़ों पर जब चिड़ियाँ शोर मचाती हैं बस तभी बारिश होती है वरना नहीं।"

इस तरह वे बहुत देर तक अपने अपने नौकरों की बेवकूफियों के बारे में बात करते रहे और सोचते रहे कि किसका नौकर ज़्यादा बेवकूफ है। अन्त में उन दोनों ने अपने अपने नौकरों का इम्तिहान लेने का विचार किया।

जोसेफ बोला - "हम लोग इस समस्या को इस तरह हल करते हैं कि कल दोपहर को दो बजे तुम अपने नौकर को ले कर मेरे घर आ जाओ।

फिर हम लोग अपने अपने नौकरों को कोई बेवकूफी का काम करने को देंगे। जो भी उस काम को करेगा वही ज़्यादा बेवकूफ समझा जायेगा।"

अगले दिन दोपहर को दो बजे अबेबे अपने नौकर को ले कर जोसेफ के घर पहुँच गया। जैसे ही वह जोसेफ के घर में घुसा उस ने अपने नौकर से कहा - "अरे जरा घर दौड़ कर तो जाओ और देखो कि मैं घर में हूँ या नहीं? मैं अपने आपसे बात करना चाहता हूँ।" अबेबे का नौकर उलटे पैरों घर वापस दौड़ गया।

अबेबे के नौकर के जाने के बाद जोसेफ ने अपने नौकर से कहा - "यह एक डालर लो और मेरे लिये एक नयी कार खरीद लाओ।" अबेबे के नौकर ने पैसे लिये और कार खरीदने के लिये चल दिया।

कुछ घन्टों के बाद दोनों नौकर सड़क पर मिले। दोनों ही बहुत गुस्से में थे। जोसेफ का नौकर बोला - "मेरे बेवकूफ मालिक ने कहा है कि मैं उसके लिये एक नयी कार खरीदूँ और इसके लिये उसने मुझे कुछ पैसे भी दिये हैं। मैं ऐसे उसकी कार कैसे खरीदूँ। उसने मुझे कार का रंग तो बताया ही नहीं है कि उसको किस रंग की कार चाहिये।"

अबेबे का नौकर बोला - "मेरा मालिक तो इससे भी बड़ा बेवकूफ है। उसने मुझसे अपने घर जाने को कहा कि मैं वहाँ जा कर यह देखूँ कि वह वहाँ है कि नहीं।

क्या वह जोसेफ के घर से टेलीफोन करके यह बात मालूम नहीं कर सकता था कि वह वहाँ है कि नहीं? उफ़ कितना बेवकूफ है मेरा मालिक।" और दोनों घर चले गये।

कुछ दिनों बाद जोसेफ और अबेबे फिर मिले तो इसी नतीजे पर पहुँचे कि दोनों के नौकर बराबर के बेवकूफ हैं।

(साभार : सुषमा गुप्ता)

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