मरे लोगों के देश की यात्रा : मिस्र की लोक-कथा
Journey to Land of Dead : Egyptian Folk Tale
मिस्र की यह कहानी एक बहुत ही मशहूर कहानी है। यह एक जादूगर लड़के से–ओसिरिस जिसने एक बन्द चिठ्ठी पढ़ रखी है और उसके पिता सेटना की जो फैरो रैमसैज़ 2 का बेटा था उन दोनों के डुऐट जाने की कहानी है।
एक बार की बात है कि बहुत दिनों पहले मिस्र में से–ओसिरिस और उसके पिता सेटना थैबैस के महल की खिड़की में खड़े हुए अपने पश्चिम की तरफ से दो जनाज़े आते हुए देख रहे थे।
उनमें से एक तो बहुत ही अमीर आदमी का जनाज़ा था। उसका शरीर एक लकड़ी के ताबूत में रखा हुआ था जिस पर सोने का काम किया गया था।
उसके बहुत सारे नौकर और दोस्त उसको रोते हुए कब्रिस्तान तक ले जा रहे थे। उन लोगों के हाथों में उसके कब्र में रखने के लिये बहुत सारी भेंटें भी थी।
कई पादरी भी उसके आगे पीछे धार्मिक गीत गाते चल रहे थे। वे वे नाम और ताकतवर शब्द भी बोल रहे थे जिनकी उस मरे हुए आदमी को डुऐट के रास्ते में जरूरत पड़ेगी।
दूसरा जनाज़ा एक बहुत ही गरीब आदमी का था। उसके दो बेटे एक सादा सा लकड़ी का बक्सा ले कर जा रहे थे और केवल उसकी पत्नी और बहू उसके पीछे रोते हुए जा रहे थे।
ये दोनों जनाज़े नील नदी के किनारे की तरफ जा रहे थे। वहाँ एक नाव उनको नील नदी के पार ले जाने के लिये उनका इन्तजार कर रही थी।
उन दोनों को नदी के किनारे जाते देख कर सेटना बोला — “मैं उम्मीद करता हूँ कि मेरी किस्मत में इस अमीर आदमी जैसा जनाज़ा लिखा होगा, इस गरीब मजदूर जैसा नहीं।”
यह सुन कर से–ओेसिरिस बोला — “पिता जी, मैं आपके लिये बल्कि इसकी बिल्कुल उलटी प्रार्थना करता हूँ कि आपको इस गरीब मजदूर जैसा जनाज़ा मिले, न कि उस अमीर आदमी जैसा।”
अपने बेटे के ये शब्द सुन कर सेटना का दिल बहुत दुखी हुआ। इस पर से–ओसिरिस ने अपने पिता को समझाने की कोशिश की — “जो कुछ आप यहाँ देख रहे हैं उसका माट के न्याय के कमरे से कोई सम्बन्ध नहीं है। यह बात मैं आपको साबित कर सकता हूँ अगर आप मेरा विश्वास करें तो।
मुझे उन ताकतवर शब्दों का पता है जो सारे दरवाजे खोल देते हैं। मै आपके और अपने दोनों के “बा” को आजाद कर सकता हूँ और अपनी उन आत्माओं को भी जो मरे हुओं की दुनियाँ डुऐट में उड़ कर जा सकती हैं और देख सकती हैं कि वहाँ क्या हो रहा है।
तब आपको पता चलेगा कि इस अमीर आदमी की किस्मत जिसने ज़िन्दगी भर बुरे काम किये और उस गरीब आदमी की किस्मत जिसने ज़िन्दगी में अच्छे कामों के अलावा और कुछ किया ही नहीं कितनी अलग अलग हैं।”
सेटना ने उस सब पर बिना आश्चर्य किये ही विश्वास करना सीख लिया था जो उसका वह आश्चर्यजनक बेटा कहता था।
इसलिये वह अब अपने बेटे के साथ डुऐट में जाने के लिये भी राजी हो गया।
हालाँकि वह यह जानता था कि इस तरह की यात्रा खतरे से खाली नहीं थी। क्योंकि अगर एक बार वह वहाँ पहुँच गया तो वहाँ से वह वापस नहीं भी आ सकता था।
सो राजकुमार सेटना और उसका छोटा बेटा से–ओसिरिस दोनों ओसिरिस के मन्दिर में गये जहाँ शाही परिवार के सदस्य होने की वजह से वे आसानी से जा सकते थे।
मन्दिर के अन्दर घुस कर सेटना ने मन्दिर का दरवाजा बन्द कर दिया। तब से–ओसिरिस ने अपने, ओसिरिस की मूर्ति के और उस वेदी के चारों तरफ एक जादुई गोला बनाया जिसमें सीडर की लकड़ी की आग जल रही थी।
फिर उसने वेदी की जलती हुई आग में एक पाउडर फेंका। वह पाउडर उसने तीन बार फेंका। पाउडर फेंकते ही उस आग में से आग का एक गोला उठा और ऊपर हवा में तैर गया।
फिर उसने जादू के कुछ ऐसे शब्द कहे जो एक बहुत बड़ी ताकत के नाम पर खत्म होते थे। उस नाम को लेते ही सारा मन्दिर हिल गया और उसकी वेदी की आग और ऊँची कूद कर अँधेरे में खो गयी।
पर ओसिरिस के मन्दिर में अँधेरा नहीं हुआ। सेटना ने घूम कर देखना चाहा कि वहाँ रोशनी कहाँ से आ रही थी तो वह तो डर के मारे चिल्ला ही पड़ता अगर वह चुपचाप शान्त न हो जाता जैसे किसी ने जबरदस्ती उसको लकवा मार दिया हो।
क्योंकि वेदी के दोनों तरफ उसने अपने आपको और अपने बेटे से–ओसिरिस को खड़ा देखा।
तभी अचानक उसको लगा कि वे शरीर उसके अपने और उसके बेटे के असली शरीर नहीं थे बल्कि वे तो उनके अपने शरीरों की केवल परछाइयाँ थीं जो उन दोनों के “का” थीं और दोनों के “का” के ऊपर आग की एक एक लपट घूम रही थी जो उसकी “खू” थी।
उस “खू” की रोशनी से यह पता चल रहा था कि “का” और उसका धुँधला दिखने वाला शरीर किस “का” और “खू” से निकला था।
तभी शान्ति टूटी और एक पंख गिरने की आवाज़ जैसी फुसफुसाहट की आवाज़ आयी। वह आवाज़ पंख जैसी गिरने की जरूर थी पर उस आवाज ने सारे मन्दिर को भर दिया।
वह से–ओसिरिस की आवाज थी — “मेरे पिता जी, मेरे पीछे पीछे आइये क्योंकि हमारे पास समय कम है और अगर हम मिस्र के ऊपर सूरज का “रा” चमकता हुआ देखना चाहते हैं तो हमको कल सुबह तक वापस भी लौटना है।”
सेटना घूमा और उसने से–ओसिरिस की “बा” यानी उसकी आत्मा को देखा जो एक बड़ी चिड़िया के रूप में थी जिसके सुनहरे पंख थे पर उसका सिर उसके अपने बेटे का ही था।
उसने जबरदस्ती यह कहने की कोशिश की “ठीक है मैं आता हूँ।” तो उसकी आवाज भी फुसफुसाहट के रूप में ही पूरे मन्दिर में गूँज गयी। वह अपनी “बा” के सुनहरे पंखों पर उठा और अपने बेटे से–ओसिरिस की “बा” के पीछे पीछे चल दिया।
उनको ऐसा लगा कि मन्दिर की छत ने खुल कर उनको ऊपर जाने का रास्ता दिया। और पल भर में ही वे पश्चिम की तरफ किसी इथियोपियन के कमान से निकले तीर से भी तेज़ उड़ते नजर आ रहे थे।
मिस्र में अँधेरा हो गया था पर डूबते हुए सूरज की एक लाल किरन पश्चिमी रेगिस्तान के पहाड़ों के एक दर्रे, “द गैप औफ ऐबीडोस”, पर अभी भी चमक रही थी। वे इसी रास्ते से अँधेरे के पहले क्षेत्र मे घुसे।
उन्होंने अपने नीचे मैसैक्टैट नाव देखी जिसमें सुबह को रा अपनी यात्रा शुरू करता था और दिन खत्म होने पर शाम को डुऐट में जा कर खत्म करता था।
वह नाव तो बहुत शानदार थी। उसमें जो सामान लगा हुआ था वह भी बहुत शानदार था। उसमें जामुनी, नीले, लाल, चमकीले सुनहरी रंग लगे हुए थे।
कुछ देवता उस नाव को सुनहरी रस्सियों से उस भूतिया नदी में खे रहे थे। डुऐट के बन्दरगाह चारों तरफ फैले पड़े थे। वे उस पहले अँधेरे क्षेत्र में छह साँपों के बीच में से हो कर घुसे जो उनके दोनों तरफ कुंडली लगाये बैठे हुए थे।
रा की उस बड़ी नाव में उन सब मरे हुए लोगों के “का” थे जो उसी दिन मरे थे और जिनको ओसिरिस के न्याय के कमरे की तरफ जाना था।
सो वह नाव रात के गहरे अँधेरे में अपने रास्ते चली जा रही थी। फिर वह दूसरे क्षेत्र के बन्दरगाह पर आयी। वहाँ दोनों तरफ ऊँची ऊँची दीवारें खड़ी हुई थीं।
उन दीवारों के ऊपर भाले लगे हुए थे ताकि कोई उन दीवारों को पार न कर सके। उनके दरवाजे लकड़ी के डंडे पर घूमते थे। वहाँ भी साँप आग और जहर उगलते हुए उन दरवाजों की चौकीदारी कर रहे थे। पर जो भी वहाँ से उस नाव पर गुजर रहे थे उनके लिये रा ने कुछ ताकतवर शब्द बोले जिससे वे दरवाजे खुल गये।
यह दूसरा क्षेत्र रा का राज्य था और देवता और बड़े लोग जो धरती पर राजाओं की तरह रह चुके थे वे वहाँ शान्ति से रह रहे थे। मक्की की आत्माऐं जो गेहूँ और जौ उगाती हैं और धरती पर फलों को बढ़ाती हैं उन लोगों की रक्षा कर रही थीं।
पर इसके बाद भी वहाँ कोई भी मरा हुआ जो रा की उस नाव में जा रहा था उस जमीन पर रुक नहीं सकता था क्योंकि उनको डुएैट के तीसरे क्षेत्र अमेन्ती जाना होता था जहाँ ओसिरिस का न्याय का कमरा उनके आने का इन्तजार कर रहा था।
सो वह नाव अब तीसरे बन्दरगाह पर आयी और ताकत वाले शब्दों के कहने पर वहाँ के बड़े बड़े दरवाजे लकडी के डंडों पर चूँ चूँ करते खुल गये।
फिर भी उनकी चूँ चूँ इतनी ज़्यादा ज़ोर की नहीं थी जितनी कि उस आदमी की आवाज ज़ोर की थी जो उस डंडे पर अपनी आँखें घुमाता हुआ लेटा हुआ था। वह लकड़ी का डंडा उसकी आँख में गोल गोल घूम रहा था।
वह वहाँ पर किसी उस बुरे काम की सजा के लिये लेटा हुआ था जो उसने धरती पर किया था।
इस तीसरे क्षेत्र में रा की नाव घुसी और नाव में बैठी सब “का” ओसिरिस के न्याय के कमरे के बाहरी आँगन में उतर गयीं पर वह नाव उनको उतार कर वहीं नहीं रुकी। उनको उतार कर वह नाव और आगे चलती चली गयी।
उस नाव को रात के नौ क्षेत्र में से हो कर जाना होता था जब तक कि पूर्व के एप या अपैप ड्रैगन के मुँह से अगली सुबह रा का दूसरा जन्म न हो जाये। और तब एक बार फिर सूरज धरती पर सुबह ले कर पूर्व में आता था।
पर फिर भी सुबह को सूरज तब तक नहीं उगता था जब तक कि रा उस एप ड्रैगन से लड़ता नहीं था और उसको हराता नहीं था। यह ड्रैगन रा को रात के दसवें क्षेत्र में खाने की कोशिश करता है।
सेटना और से–ओसिरिस की “बा” रा की नाव के और पीछे नहीं चलीं बल्कि वहीं रुक कर नये मरे हुओं की “का” के पीछे पीछे चल दीं जो एक एक कर के ओसिरिस के न्याय के कमरे में घुस रहीं थीं। दरवाजे पर खड़ा दरबान हर एक से पूछताछ कर रहा था।
दरबान चिल्लाया — “रुक जाओ। मैं तुम्हारा नाम तब तक किसी को जा कर नहीं बताऊँगा जब तक तुम मेरा नाम नहीं जानोगे।”
एक का बोली — “तुम्हारा नाम है दिलों को समझने वाला। तुम्हारा नाम है शरीरों का झाड़ा लेने वाला।”
दरबान ने पूछा — “तो फिर मैं तुम्हारी खबर किसको जा कर दँ?”
“तुमको मेरे आने की खबर दो जमीनों को जानने वाले को देनी चहिये।”
दरबान ने पूछा — “यह दो जमीनों को जानने वाला कौन है?”
“यह अक्लमन्द थौट देवता है।”
इस तरह हर “का” दरवाजे में से गुजर कर अन्दर गयी जहाँ
कमरे में थौट उन सबका इन्तजार कर रहा था। उसने कहा —
“आओ मेरे साथ आओ। लेकिन फिर भी तुम यहाँ आये ही क्यों
हो?”
“का” बोली — “मैं यहाँ घोषित होने के लिये आया हूँ।”
“तुम्हारी क्या हालत है?”
“मैंने कोई पाप नहीं किया।”
“तब मैं तुमको किसको घोषित करूँ? क्या मैं तुमको उसको बताऊँ जिसकी छत आग की है? जिसकी दीवारें ज़िन्दा साँपों की हैं? जिसकी सड़कें पानी की हैं?”
“का” बोली — “हाँ। मुझे तुम उसी को जा कर बताओ क्योंकि वही ओसिरिस है।”
सो वह चिड़िया के सिर वाला थौट उस “का” को वहाँ ले गया जहाँ ओसिरिस अपने सिंहासन पर बैठा था। वह मरे हुए लोगों की ममी को पहनाने वाले वाले कपड़े पहने था। उसके सिर पर ताज था और छाती पर भी कुछ निशान थे।
उसके सामने एक तराजू रखी थी जिस में दो पलड़े लगे थे। गीदड़ के सिर वाला अनूबिस, मौत का देवता ओसिरिस, “का” को न्याय के लिये ले जाने के लिये आगे आया।
पर दिल को तौलने से पहले हर मरे हुए आदमी की “का” अपनी सफाई में बोली — “मैंने कोई पाप नहीं किया। मैंने कोई पाप नहीं किया। मैंने कोई पाप नहीं किया। मैंने कोई पाप नहीं किया।
मेरी पवित्रता तो बैनू चिड़िया यानी फीनिक्स चिड़िया की तरह है जो पत्थर के पेड़ पर यानी हैलियोपोलिस के ओबैलिस्क पर अपना घोंसला बनाती है।”
मेरी तरफ देखो, मैं आपके पास बिना कोई पाप किये, बिना कोई गलती किये, बिना कोई बुरा काम किये, बिना किसी ऐसे आदमी की गवाही के जिसने मुझे कोई बुरा काम करते देखा हो आया हूँ।
मैंने किसी आदमी के खिलाफ कभी कोई काम नहीं किया। मैं सच्चाई पर ही जीता हूँ और सच्चाई का ही खाता हूँ। मैंने वही किया जो लोगों ने कहा और जिससे देवता सन्तुष्ट रहते हैं।
मैंने हर देवता को उसकी पसन्द की चीज़ से सन्तुष्ट किया। मैंने भूखे को खाना खिलाया, प्यासे को पानी पिलाया, नंगे को कपड़ा पहनाया और उसको नाव दी जो नदी पार नहीं कर सकता था। मैंने देवताओं और पुरखों को भेंट दी।
इसलिये आप मुझे अपैप ड्रैगन से बचाइये जो आत्माओं को खाता है, ओ साँसों के स्वामी ओसिरिस।”
और फिर वह पल भी आया जिससे वह बुरे काम करने वाला डर रहा था पर भले आदमी ने उसका खुशी से स्वागत किया।
अनूबिस ने उस “का” का दिल लिया जो उसके धरती वाले शरीर के साइज़ से दोगुना था और उसको तराजू के एक पलड़े में रख दिया। तराजू के दूसरे पलड़े में उसने सच्चाई का एक पंख रख दिया।
बुरे काम करने वाले का दिल तो बहुत भारी था सो उसका वह पलड़ा बहुत नीचे हो गया। वह नीचे और और नीचे की तरफ होता गया जब तक कि तराजू का वह पलड़ा इतना नीचे नहीं हो गया कि अमूट183 जो दिल खाती है उसने उस पलड़े में रखा उसका दिल अपने जबड़े में नहीं रख लिया और खा नहीं लिया।
तब थोट ने उस तराजू की डंडी से बने कोण का नाप लिया।
उस बुरे काम करने वाले को फिर डुऐट के घने अँधेरे में आग के गड्ढे में अपैप ड्रैगन के साथ रहने के लिये घसीट कर ले जाया गया।
पर जब अच्छे आदमी की बारी आयी तो वह पंख वाला पलड़ा नीचे की तरफ हो गया और उसका दिल वाला पलड़ा ऊपर हो गया।
थौट ने ओसिरिस और देवताओं से कहा — “इस आदमी ने जो कुछ भी कहा वह सब सच और ठीक है। इस आदमी ने कोई पाप नहीं किया। इसने हमारे साथ कुछ बुरा भी नहीं किया। इसे किसी भी आत्मा को खाने वाले को नहीं खाने नहीं देना चाहिये।
इसको तो ओसिरिस की कभी न नष्ट होने वाली रोटी देनी चाहिये। इसको तो होरस को मानने वालों के साथ शान्ति के मैदानों में जगह मिलनी चाहिये।
इसके बाद होरस ने उस मरे हुए आदमी का हाथ पकड़ा और उसको ओसिरिस के सामने यह कहते हुए ले गया — “ओ ओसिरिस, मैं आपके पास इस नये ओसिरिस को ले कर आया हूँ। इसका दिल तराजू से तौल कर देखा तो यह तो सच बोल रहा था। इसने किसी भी देवता के लिये कोई भी पाप नहीं किया।
थौट ने इसका दिल तौल लिया है और उसने उसको सच्चा पाया। अब आप इसको ओसिरिस की रोटी और बीयर दे दें जैसे कि आप होरस के मानने वालों को देते हैं।”
ओसिरिस ने हाँ में अपना सिर हिलाया और वह मरा हुआ आदमी खुशी खुशी शान्ति के मैदानों में वहाँ रहने के लिये चला गया। वहाँ वह उन सब चीज़ों का आनन्द लेने लगा जिनको वह अपनी ज़िन्दगी सबसे ज़्यादा पसन्द करता था। उस जगह में उसके लिये सब कुछ था।
वह वहाँ पर तब तक रहा जब तक ओसिरिस उन सबको अपने साथ लेकर धरती पर लौटा जो उसकी जनता के रूप में धरती पर रहने लायक थे।
से–ओसिरिस की “बा” ने अपने पिता सेटना की “बा” को वहाँ यह सब और और भी बहुत कुछ दिखाया और काफी देर तक बात करने के बाद में कहा — “अब तो आप समझ गये होंगे न कि मैंने आपसे यह क्यों कहा था कि आपकी किस्मत इस गरीब आदमी जैसी क्यों होनी चाहिये, न कि उस अमीर आदमी जैसी?
क्योंकि अमीर आदमी वह है जिसकी आँख में तीसरे दरवाजे का डंडा घूम रहा था पर गरीब आदमी तो अच्छे कपड़े पहन कर हमेशा के लिये शान्ति के मैदानों में रह रहा है। बुरे आदमी की कब्र पर जो भेंटें चढ़ाई जाती हैं वे सब भी उसी को मिल जाती हैं।”
उसके बाद दोनों “बा” ने अपने अपने सुनहरी पंख फैलाये और रात में ही थैबैस वापस आ गये। वहाँ आ कर वे अपने अपने शरीरों में घुस गये जिनकी ओसिरिस के मन्दिर में उनके “का” रखवाली कर रहे थे। वहाँ आ कर वे फिर से साधारण आदमी बन गये – पिता और उसका बेटा, और वे ठीक समय पर फिर से सूरज को मिस्र के ऊपर कई रंगों में उगता हुआ देख सके।
Setna – the name of the son of the King of Egypt Pharaoh Ramses II, the Great
Duat – the World of the Dead
Se-Osiris and his father were watching two funerals from the window of the Thebes palace.
Judgment Hall of Maat - The Egyptian Hall of Maat is where the judgment of the dead was performed in the afterlife.
The Ba refers to all non physical qualities that make up the personality of humans.
Temple of Osiris – Osiris is the Male God of the Underworld
“Ka” means double.
“Khou” means Spirit
Thoth – pronounced as Thot, the Wise God
Mummy is the dead body smeared with special spices and protected for thousands of years.
Anubis is the male jackal god of embalmimg. Horus is his brother.
Bennu or Phoenix bird – a kind of bird. In Egyptian mythology Bennu is a Solar Sun and is similar to Greek Phoenix bird. In Greek mythology Phoenix bird is a long-lived bird that is cyclically regenerated or reborn.
Obelisk of Haliopolis – obelisk is a kind of stone pillar.
Horus – the son of Osiris and Isis with the head of a falcon, and the brother of Anubis.
(साभार सुषमा गुप्ता जी, जिन्होंने लोक-कथाओं पर उल्लेखनीय काम किया है.)