बिल्ला और चुहिया : ब्रिटेन की लोक-कथा

The Cat and the Mouse : British Folk Tale

एक बिल्ला और एक चुहिया खेलते थे एक घर में
फिर वे अनाजघर में खेलने लगे जब तक चुहिया को चोट नहीं लग गयी

चुहिया को क्या चोट लगी? हुआ यह कि बिल्ले ने चुहिया की पूँछ काट ली तो चुहिया बोली — “देखो मिस्टर बिल्ले, यह बात तुम्हारी ठीक नहीं है। तुम मेरी पूँछ वापस कर दो।”

पर बिल्ला बोला — “नहीं, मैं तुम्हारी पूँछ तुमको वापस नहीं करूँगा जब तक कि तुम गाय के पास नहीं जाओगी और मेरे पीने के लिये उसका दूध ले कर नहीं आओगी।”

सो वह कूदी और भागी भागी गाय के पास पहुँची और बोली — “ओ गाय, मेहरबानी करके मुझे थोड़ा दूध दो ताकि मैं उसको बिल्ले को पीने को दे सकूँ और वह फिर मुझे मेरी पूँछ मुझे वापस कर सके।”

गाय बोली — “मैं तुमको दूध नहीं दूँगी जब तक तुम किसान के पास से मुझे कुछ भूसा ला कर नहीं दोगी।”

तुरन्त वह चुहिया कूदी और भागी भागी किसान के पास पहुँची और बोली — “किसान ओ किसान। मेहरबानी करके मुझे कुछ भूसा दो ताकि मैं उस भूसे को गाय को खिला सकूँ। फिर गाय मुझे बिल्ले के लिये दूध दे देगी और मैं बिल्ले से अपनी पूँछ वापस ले सकूँगी।”

किसान बोला — “मैँ तुमको भूसा नहीं दूँगा जब तक तुम मुझे कसाई से माँस ला कर नहीं दोगी।”

सो वह चुहिया फिर कूदी और भागी भागी एक कसाई के पास पहुँची और बोली — “कसाई ओ कसाई ! तुम मुझे थोड़ा सा माँस दो। यह माँस ले जा कर मैं किसान को दूँगी। किसान मुझे भूसा देगा, वह भूसा में गाय को दूँगी। गाय मुझे दूध देगी। दूध मैं बिल्ले को दूँगी और बिल्ला मुझे मेरी पूँछ वापस करेगा।”

कसाई बोला — “मैं तुमको माँस तब तक नहीं दूँगा जब तक तुम मुझे बेकर से डबल रोटी ला कर नहीं दोगी।”

सो वह चुहिया फिर कूदी और भागी भागी एक बेकर के पास पहुँची और बोली — “ओ बेकर, मुझे डबल रोटी दो। यह डबल रोटी मैं कसाई को दूँगी। कसाई मुझे माँस देगा। वह माँस ले जा कर मैं किसान को दूँगी।

किसान मुझे भूसा देगा, वह भूसा में गाय को दूँगी। गाय मुझे दूध देगी। दूध मैं बिल्ले को दूँगी और बिल्ला मेरी पूँछ मुझे वापस करेगा।”

बेकर बोला — “मैं तुमको डबल रोटी केवल एक शर्त पर दे सकता हूँ कि तुम यहाँ फिर कभी नहीं आओगी और मेरी बेक की हुई चीज़ें कभी नहीं खाओगी और मेरे खरीदने वालों को भी कभी नहीं डराओगी।”

चुहिया ने बेकर से वायदा किया कि वह अब उसकी दूकान पर कभी नहीं आयेगी, न कभी उसकी बेक की हुई चीज़ों को खायेगी और न ही उसके खरीदारों को डरायेगी।

सो बेकर ने उसको डबल रोटी दे दी। डबल रोटी ले कर चुहिया भाग गयी।

भागी भागी वह कसाई के पास गयी। कसाई को उसने डबल रोटी दी। कसाई ने उसको माँस दिया। माँस ले कर वह किसान के पास गयी तो किसान ने उसको भूसा दिया।

भूसा ले कर वह गाय के पास गयी तो गाय ने उसको दूध दिया और उस दूध को ले कर वह बिल्ले के पास गयी। तब जा कर उस बिल्ले ने उसकी पूँछ वापस की।

इस तरह उस चुहिया ने अपनी पूँछ वापस पायी।

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