ओसिरिस की कहानी : मिस्र की लोक-कथा

The Osiris Legend : Egyptian Folk Tale

यह कहानी मिस्र की इतनी पुरानी कहानी है कि अब तो इसका यह भी पता नहीं कि यह कहानी कब की है क्योंकि समय के साथ साथ इसके जन्म का समय भी खो चुका है।

पर यह कहानी मिस्र के लोगों के लिये एक मुख्य कहानी थी क्योंकि ओसिरिस पहले एक राजा था पर फिर बाद में वह “मरे हुए लोगों के राजा” की तरह से पैदा हो गया था।

वह एक ऐसा राजा था जिसके पास ताकतवर से ताकतवर फैरो से ले कर कमजोर से कमजोर किसान तक अपने मरने के बाद जाना चाहता था।

इस कहानी में दूसरी बात यह है कि इसमें आइसिस का मुकदमा है जिसमें उसको एक आदर्श पत्नी और बच्चों की रक्षा करने वाली माँ की तरह से दिखाया गया है।

इसमें होरस का बदला है जो उसने अपने नीच चाचा सेट से लिया है क्योंकि उसके चाचा ने उसके पिता ओसिरिस को मार दिया था।

इस कहानी को समझने के लिये यह बात जानना भी जरूरी है कि इस कहानी में होरस के दो रूप हैं – पहला तो ओसिरिस के भाई का, दूसरा उसके बहुत छोटे बेटे का।

इस कहानी के बारे में यह बात भी जानने के लायक है कि हालाँकि मिस्र का साहित्य बहुत बड़ा है पर फिर भी हमको इस कहानी का पूरा रूप कहीं नहीं मिलता।

इसके केवल या तो सन्दर्भ मिलते हैं या फिर छोटे छोटे टुकड़े मिलते हैं और या फिर इसमें जुड़े हुए हिस्से मिलते हैं। इस कहानी का यह रूप एक यूनानी लेखक प्लूटार्क का लिखा हुआ है जो ईसा के बाद की पहली शताब्दी में रहता था।

1 धरती के स्वामी का जन्म

“पूरी धरती का मालिक पैदा होता है। शुरू शुरू में केवल रा और उसकी पत्नी नूट थे। रा की पत्नी नूट जैब देवता से प्यार करती थी। जब रा को उनके इस प्रेम का पता चला तो वह बहुत नाराज हुआ।

गुस्से में आ कर उसने नूट को शाप दिया कि वह साल के तीन सौ साठ दिन में से किसी भी दिन बच्चे को जन्म नहीं दे सकेगी। उस समय साल में तीन सौ साठ दिन ही हुआ करते थे।

यह सुन कर नूट बहुत दुखी हुई। उसने अपने दोस्त थौट को अपनी सहायता के लिये बुलाया। थौट को मालूम था कि रा के शाप को टाला नहीं जा सकता था पर फिर भी उसको एक विचार आया।

थौट ने चाँद देवी सिलीन को एक शर्त के लिये बुलाया और सिलीन की रोशनी का सातवाँ हिस्सा दाँव पर लगाया। उन दिनों सिलीन की रोशनी रा की रोशनी जैसी ही हुआ करती थी।

थौट वह शर्त जीत गया तो उसको सिलीन की रोशनी का सातवाँ हिस्सा मिल गया। इसी लिये चाँद आजकल हर महीने घटता है।

थौट ने यह रोशनी ले कर कैलेन्डर में पाँच दिन जोड़ दिये जिससे तीन सौ साठ दिन का साल तीन सौ पैंसठ दिन का साल हो गया। इससे नूट को पाँच दिन मिल गये जिन दिनों में वह बच्चों को जन्म दे सकती थी और साथ में रा का शाप भी बना रहा।

इन पाँच दिनों के पहले दिन उसने ओसिरिस को जन्म दिया। दूसरे दिन उसने होरस को जन्म दिया। तीसरे दिन उसने सेट को जन्म दिया। चौथे दिन उसने आइसिस को जन्म दिया और पाँचवें दिन उसने नैफथिस को जन्म दिया।

ओसिरिस के जन्म के समय एक तेज़ आवाज सुनायी दी “सारी धरती के स्वामी ने जन्म लिया है।”

2 ताकतवर राजा

समय के साथ साथ ओसिरिस बड़ा होता गया और फिर एक दिन बहुत ही ताकतवर राजा बन गया। उसने अपनी जनता को सभ्य बनाया। उसने उनको खेती करना सिखाया, जानवर पालना सिखाया। उसने उनको जीने के नियम सिखाये। उनको पूजा करने का ठीक तरीका सिखाया।

इस तरह उसके राज में मिस्र एक बहुत ही ताकतवर राज्य बन गया। वहाँ की जनता अपनी जमीन की खुशी से पूजा करती थी। जब उसका अपना देश सभ्य हो गया तो वह दूसरे देशों को सभ्य बनाने के लिये दूसरे देशों की तरफ रवाना हुआ।

अपने जाने के बाद वह अपनी पत्नी आइसिस को वहाँ की मालकिन बना गया। उसने भी देश पर उसी तरह राज किया जैसे उसका पति ओसिरिस कर रहा था।

पर ओसिरिस का एक दुश्मन था। और वह था उसका अपना छोटा भाई सेट जो उससे बहुत जलता था।

3 राजा के खिलाफ सेट की चाल

राजा ओसिरिस के चले जाने के बाद सेट ने उसके खिलाफ चाल सोचनी शुरू कर दी। वह इथियोपिया की रानी असो और बहत्तर दूसरे जाल रचने वालों के साथ मिल गया पर जब तक आइसिस देश पर राज करती रही वह कुछ नहीं कर सका क्योंकि उसका राज बहुत अच्छा था।

जब ओसिरिस वापस आ गया तब उस चाल और जाल को काम में लाया गया जिसको सेट कुछ दिनों से खेलने की कोशिश कर रहा था पर कर नहीं सका था।

सेट ने गुप्त रूप से अपने भाई का नाप लिया और गुप्त रूप से ही उसके लिये उसके नाप का एक बहुत बढ़िया सजा हुआ बक्सा बनवाया। जब बक्सा बन कर तैयार हो गया तो एक दावत का इन्तजाम किया गया। उस दावत में सेट ने ओसिरिस को और उन बहत्तर जाल रचने वालों को बुलाया।

ओसिरिस को सेट में कोई बुराई नजर नहीं आती थी और न ही उसने उस पर कोई इस तरह का कभी शक ही किया कि वह उसके साथ कोई चाल खेल सकता था सो वह दावत में चला गया।

जब दावत खत्म हो गयी तो सेट ने उस बक्से को मँगवाया और उस बक्से को उस आदमी को जाँचने के लिये कहा जो भी उसके अन्दर आ सके।

एक एक कर के सब उसमें अन्दर घुसने की कोशिश करते रहे जब तक ओसिरिस का नम्बर आया। जब सारे लोग उसमें लेट लेट कर देख रहे थे तो ओसिरिस भी बिना किसी शक के उसके अन्दर लेट गया।

पर जैसे ही वह उसके अन्दर लेटा सब लोगों ने मिल कर उसका ढकना ज़ोर से बन्द कर दिया और उसमें कीलें ठोक दीं। उसके ऊपर से उसके जोड़ों में पिघला हुआ सीसा डाल दिया। यह सब कर के उन्होंने वह बक्सा नील नदी में फेंक दिया। इस के बाद ओसिरिस फिर कभी ज़िन्दा आदमियों की दुनियाँ मे चलता फिरता नहीं देखा गया।

4 आइसिस का पति के लिये दुख

आइसिस ने जब यह सुना कि उसके पति को इस तरह मार दिया गया तो वह बहुत दुखी हुई। उसने अपनी दुख वाली पोशाक पहनी और अपने पति की लाश ढूँढने के लिये चल दी।

वह जानती थी कि मरे हुए को तब तक आराम नहीं मिलता जब तक कि उसका ठीक से अन्तिम संस्कार न हो जाये।

आइसिस बहुत समय तक उसकी लाश को ढूँढती रही पर उसको कुछ नहीं मिला। उसने हर आदमी और हर स्त्री से पूछा कि अगर कहीं किसी ने कोई बहुत बड़ा बक्सा देखा हो जिसमें उसका पति हो, पर किसी ने ऐसा कोई बक्सा कहीं नहीं देखा था।

आखीर में आइसिस ने कुछ बच्चों से पूछा जो नील नदी के किनारे खेल रहे थे। उन बच्चों ने उसको वह जगह बतायी जहाँ सेट और उसके साथियों ने वह बक्सा नील नदी में फेंका था।

कुछ और जाँच और शैतानों से सलाह लेने के बाद आइसिस को पता चला कि वह बक्सा तो समुद्र की तरफ बाइब्लोस देश की तरफ बह गया था और एक फूलों वाली झाड़ी के पास जा कर ठहर गया था।

और जैसे ही वह बक्सा वहाँ जा कर ठहरा तो कुछ ऐसा जादू हुआ कि वह फूलों वाली झाड़ी तो झाड़ी से एकदम बढ़ कर पेड़ बन गयी और उस पेड़ ने उस बक्से को अपने तने में छिपा लिया।

उधर जब बाइब्लौस के राजा ने वह पेड़ देखा तो वह पेड़ उस को बहुत अच्छा लगा और इतना अच्छा लगा कि उसने उसको कटवा कर उसका एक बहुत बड़ा खम्भा बनवा लिया और उसने वह खम्भा अपने महल की छत को सहारा देने के लिये अपने महल में लगवा लिया।

5 आइसिस बाइब्लौस में

इस बीच आइसिस अपने पति की लाश लाने के लिये बाइब्लौस देश की तरफ चली। वहाँ पहुँच कर वह एक फव्वारे के पास चुपचाप बैठ गयी। वहाँ जा कर वह बाइब्लौस की लड़कियों के अलावा और किसी से नहीं बोली।

इन लड़कियों से वह बड़ी खुशी खुशी बात करती थी। वह उनके बालों की चोटी बनाती थी फिर उनमें बहुत अच्छी मीठी सी खुशबू बसाती थी जो बहुत सारे फूलों की खुशबुओं से भी बहुत अच्छी थी।

जब वे लड़कियाँ महल गयीं तो रानी ने उनसे पूछा कि उनके बालों में इतनी अच्छी खुशबू कहाँ से आयी। तब उन्होंने रानी को उस सुन्दर अजनबी स्त्री के बारे में बताया जिनसे मिल कर वे आयी थीं और जिसने उनके बाल सँवारे थे।

तो रानी ने उनसे कहा कि वह उस अजनबी स्त्री को महल में ले कर आयें। वे लड़कियाँ आइसिस को महल ले कर आयीं तो रानी ने उसका बहुत शानदार स्वागत किया और उसको अपने एक बच्चे राजकुमार की आया बना कर रख लिया।

आइसिस उस बच्चे राजकुमार को अपनी उँगली चुसा कर दूध पिलाती थी। हर रात जब सारा महल सो जाता तो आइसिस बहुत सारे लठ्ठे डाल कर आग जलाती और उसमें उस राजकुमार को डाल देती।

फिर वह एक घरेलू चिड़िया में बदल जाती और अपने पति के लिये दुखी हो कर फड़फड़ाती और चिल्लाती रहती।

इन अजीब घटनाओं की खबर रानी को भी मिली। उसको इन कहानियों पर विश्वास नहीं हुआ तो उसने यह सब अपनी आँखों से देखने का निश्चय किया।

उस रात वह छिप गयी और जैसी कि उसको खबर मिली थी वैसे ही उस आया ने एक बड़ी सी आग जलायी और बच्चे को उस आग में फेंक दिया। यह देख कर तो रानी की चीख ही निकल गयी और वह बच्चे को बचाने के लिये भागी।

आइसिस रानी की तरफ घूमी और उसने उसको बुरा भला कहते हुए अपना सच्चा परिचय दिया।

आइसिस ने रानी को यह भी समझाया कि वह अपने इस जादू से बच्चे को देवता बना रही थी पर अब क्योंकि रानी ने बीच में दखल दे दिया था तो अब वह देवता भी नहीं बन सकेगा और वह अमर भी नहीं हो पायेगा।

फिर आइसिस ने रानी को अपने बाइब्लौस आने की वजह बतायी और प्रार्थना की कि वह उसको अपने महल में लगा हुआ वह बड़ा वाला खम्भा दे दे जिसमें उसका पति कैद था। रानी ने उसको खम्भा ले जाने की इजाज़त दे दी।

6 आइसिस की मिस्र वापसी

पेड़ के तने वाला खम्भा अपनी जगह से निकलवाया गया। उसको काट कर खोलने पर उसमें से एक बक्सा निकला। आइसिस ने वह बक्सा निकाला और उसको ले कर वह मिस्र वापस आ गयी। वह भारी खम्भा वहीं बाइब्लौस में ही रहा पर उस दिन के बाद से उस खम्भे की वहाँ केवल पूजा ही होती रही।

जब आइसिस घर वापस आ गयी तो उसने बक्सा खोला और अपने पति की लाश पर बहुत देर तक रोती रही। इस दुख में उसकी बहिन नैफथिस भी उसके साथ थी। दोनों बहिनें काइट चिड़िया में बदल गयीं वे दुख से रोते चीखते हुए उस बक्से के चारों तरफ घूमीं।

पर आइसिस का ध्यान तुरन्त ही अपने छोटे बेटे होरस की तरफ चला गया। क्योंकि वह जब अपने पति को लेने गयी थी तब वह उसको बूटो में छोड़ आयी थी पर अब उसको उसे लेना था।

सो उसने उस लाश वाले बक्से को एक गुप्त जगह पर छिपा दिया और अपने बेटे को लेने चली गयी।

7 सेट ने फिर नीचता दिखायी

उस रात सेट चाँद की रोशनी में शिकार करने निकला तो वह उस सुन्दर सजे हुए बक्से से टकरा गया जिसमें उसने ओसिरिस को बन्द कर के मारा था।

अपने भाई को वहाँ देख कर वह बहुत गुस्सा हुआ। उसने बक्से में से राजा का शरीर निकाला, उसके शरीर के चौदह टुकड़े किये और उनको सारे मिस्र पर बिखेर दिये।

पर जब आइसिस को उसके इस नये बुरे काम का पता चला तो उसका दुख फिर से हरा हो गया। वह एक बार फिर से अपने पति को ढूँढने निकली। इस बार अपनी खोज के लिये उसने पैपीरस के डंडों की एक नाव बनवायी।

पहले पैपीरस के डंडों की बनी हुई नाव पर कोई मगर हमला नहीं करता था क्योंकि ऐसा विश्वास किया जाता था कि शायद उसमें कोई देवी हो और मगरों को यह बात पता हो।

आइसिस ने सोचा कि वह जहाँ कहीं भी अपने पति के शरीर का अगर एक भी टुकड़ा पा लेगी तो वह उसको गाड़ देगी और वहाँ एक मन्दिर बनवा देगी। यही वजह है कि आज ओसिरिस की कब्रें कई जगह पायी जाती हैं।

8 होरस का बदला

इस बीच ओसिरिस का बेटा होरस बड़ा हो गया था और ओसिरिस का भी “मरे हुओं के राजा” की हैसियत से दोबारा जन्म हो चुका था। सो एक दिन वह ज़िन्दा लोगों की दुनियाँ में अपने बेटे के सामने प्रगट हुआ।

ओसिरिस ने अपने बेटे होरस को सेट से उसने जो गलत काम किये थे उनका बदला लेने के लिये तैयार किया। सो होरस ने सेट को ढूँढा और दोनों में ज़ोर की लड़ाई छिड़ गयी। कभी होरस जीतता नजर आता तो कभी सेट।

कहते हैं कि अच्छाई बुराई की यह लड़ाई अभी तक चल रही है पर एक दिन होरस इस लड़ाई में जरूर जीतेगा और उस दिन ओसिरिस धरती पर राज करने के लिये फिर से लौटेगा।

Osiris is the King of the Dead. He is the son of Ra and Nut.

Isis – wife of Osiris

Horus is the son of Osiris and Isis

Seth is Horus’ uncle being the brother of Osiris, and there is another Horus who is the son of Osiris and Isis.

Plutarch – a Greek writer and essayist, c 46 AD-120 AD, later became a Roman citizen and was named as Plutarchus.

In the beginning there were only Ra (the Sun God) and his wife Nut.

Jeb God

Thoth – the son of Ra, the Sun God

Silene, the Moon Goddess

First day Nut gave birth to Osiris, second day to Horus, third day to Seth, fourth day to Isis and the fifth day to Nephthys

Aso, the Queen of Ethiopia

Land of Byblos – is a Mediterranean port city in the Mount Lebanon Governorate, Lebanon.

Nephthys – sister of Isis

Buto – name of a place

(साभार सुषमा गुप्ता जी, जिन्होंने लोक-कथाओं पर उल्लेखनीय काम किया है.)

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