टोकरी में बच्चा : यहूदी लोक-कथा

Tokri Mein Bachcha : Jewish Folk Tale

बहुत पहले, मिस्र में कई यहूदी लोग रहते थे। उस समय का फिरौन बहुत क्रूर था और वो यहूदियों के साथ दासों जैसा व्यवहार करता था। वो उनसे बहुत मेहनत करवाता और अपने महलों का निर्माण करवाता था।

एक दिन, फिरौन ने एक आदेश दिया। उसने अपने सैनिकों को हर नवजात यहूदी बच्चे को नदी में फेंकने को कहा।

उस समय, एक यहूदी महिला का एक छोटा बेटा था। वो नहीं चाहती थी कि सैनिक उसे ढूंढे, इसलिए उसने बच्चे को अपने घर में ही छिपाकर रखा।

जल्द ही लड़का बड़ा हुआ और अब उसके लिए घर में छिपना मुश्किल हो गया। फिर महिला ने अपने बेटे को एक टोकरी में डाला और टोकरी को नदी के किनारे ऊंची घास में छिपा दिया।

कुछ देर के बाद, फिरौन की बेटी नदी में तैरने गई। उसने वो छोटी टोकरी देखी और उसने अपनी नौकरानियों को भेजकर उसे मंगवाया।

जब फिरौन की बेटी ने टोकरी के अंदर देखा, तो उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। अंदर एक छोटा लड़का था जो रो रहा था।

फिरौन की बेटी ने बच्चे को मूसा (मोज़ेस ) नाम दिया। मूसा (मोज़ेस को शाही महल में ले गई और उसने उसे अपने बेटे की तरह पाला।

मूसा (मोज़ेस) बड़ा होकर मिस्र का राजकुमार बना, लेकिन वह अपने यहूदी परिवार को कभी नहीं भूला। बाद में, परमेश्वर ने मूसा (मोज़ेस) को यहूदी लोगों के एक महान नेता के रूप में चुना।

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