चतुर पिता : इथियोपिया की लोक-कथा
Chatur Pita : Ethiopia Folk Tale
इथियोपिया के अक्सुम राज्य में एक बूढ़ा रहता था जिसका बहुत बड़ा परिवार था। उसके सात बेटे थे और सातों हमेशा लड़ते झगड़ते रहते थे।
हर बेटा यह चाहता था कि पिता का सारा पैसा उसी को मिले। बूढ़ा यह सब देख कर बहुत दुखी रहता था पर कर कुछ भी नहीं पा रहा था।
एक दिन वह बूढ़ा बीमार पड़ गया। उसको लगा कि वह जल्दी ही मर जायेगा सो उसने अपने सातों बेटों को बुला भेजा। उसके सभी बेटे तुरन्त ही उसके पास आ पहुंचे क्योंकि उनमें से हर एक को यह जानने की इच्छा थी कि उसको उनके पिता से क्या मिलेगा।
लेकिन उस बूढ़े ने उनको कुछ नहीं दिया बल्कि उन सबको जंगल भेज दिया और दो दो डंडियाँ लाने को कहा।
उसके सब बेटे तुरन्त ही जंगल गये और दो दो डंडियाँ ले कर पिता के पास लौट आये। पिता ने उन सबको एक लाइन में खड़ा किया, सबसे बड़ा सबसे पहले और सबसे छोटा सबसे बाद में।
अब बूढ़े ने अपने सबसे बड़े बेटे से कहा - "एक डंडी अपने घुटनों पर रखो और उसे तोड़ने की कोशिश करो।"
बेटे ने ऐसा ही किया और उसकी डंडी एक झटके में ही टूट गयी। ऐसा उसने अपने सातों बेटों से करने के लिये कहा और सातों ने अपनी अपनी डंडियाँ एक झटके में ही तोड़ डालीं।
इसके बाद फिर उसने अपने सबसे बड़े बेटे से कहा "अब इन बची हुई सातों डंडियों का एक गठ्ठर बना लो।"
बड़े बेटे ने ऐसा ही किया। उसने अपने सब भाइयों से उनकी डंडियाँ ले लीं और उनको बाँध कर उनका एक गठ्ठर बना लिया।
बूढ़ा बोला - "अब इस गठ्ठर को अपने घुटनों पर रखो और तोड़ने की कोशिश करो।"
बड़े बेटे ने काफी देर तक उस गठ्ठर को तोड़ने की कोशिश की पर वह उस गठ्ठर को तोड़ नहीं सका। बूढ़े ने एक एक करके वह गठ्ठर अपने सभी बेटों को दिया परन्तु अपनी लाख कोशिशों के बावजूद उनमें से कोई भी उस गठ्ठर को न तोड़ सका।
इस पर वह बूढ़ा बोला - "मैं अपना सारा पैसा तुम सबको देता हूं। अगर तुम लोग इकठ्ठे रहोगे तो मजबूत रहोगे और कोई भी तुमको जीत नहीं सकेगा।
पर अगर तुम लोग अलग हो गये और तुमने बंटवारा कर लिया तो तुम्हारे दुश्मन तुम्हें हरा देंगे और तुम लोगों को परेशान करेंगे। सो मेरे बच्चों हमेशा एक साथ रहना। भगवान तुम्हारी रक्षा करे।" यह कह कर बूढ़ा मर गया।
पिता की बात सुन कर अब उन सातों भाइयों ने लड़ना झगड़ना छोड़ दिया था और सब मिल कर उसके पैसे को इस्तेमाल करने में लग गये। कुछ ही दिनों में वे अक्सुम शहर के जाने माने अमीर आदमियों में गिने जाने लगे।
यह है एकता का असर।
(साभार : सुषमा गुप्ता)