बिल्ली घर में कैसे आयी : ज़िम्बाब्वे लोक-कथा

Billi Ghar Mein Kaise Aayi : Zimbabwe Folk Tale

यह बहुत दिनों पुरानी बात है कि एक जंगली बिल्ली एक जंगल में अकेली रहती थी। कुछ समय बाद वह अकेले रहते रहते थक गयी तो उसने एक जंगली बिल्ले से शादी कर ली।

वह बिल्ला भी कोई ऐसा वैसा बिल्ला नहीं था बल्कि पूरे जंगल में बड़ा शानदार बिल्ला था। दोनों कुछ दिनों तक खुशी से साथ साथ रहे।

एक दिन वे दोनों घास में साथ साथ घूम रहे थे कि एक चीता उन पर कूद पड़ा। इससे बिल्ला एक तरफ को लुढ़क गया और उसके बालों और पंजों पर धूल लग गयी।

बिल्ली बोली — “ओह मेरे पति के तो सारे शरीर पर धूल लग गयी है और अब वह जंगल के सबसे अच्छे जानवरों में से एक नहीं रहा। इससे अच्छा तो यह चीता है जिसने इस बिल्ले को गिरा दिया। ” सो वह बिल्ली बिल्ले को छोड़ कर उस चीते के साथ रहने चली गयी।

बहुत दिनों तक वे दोनों भी खुशी खुशी साथ साथ रहे। एक दिन वे दोनों जंगल में शिकार कर रहे थे कि एक झाड़ी में से एक शेर चीते की पीठ की तरफ कूदा और उसको मार कर उसे सारा का सारा खा गया।

बिल्ली को यह देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ। उसने सोचा तो यह चीता तो जंगल का सबसे अच्छा जानवर नहीं था इसको तो यह शेर ही खा गया।

इसका मतलब यह है कि जंगल का सबसे अच्छा जानवर तो शेर है जो चीते को भी मार देता है। सो वह बिल्ली शेर के साथ रहने चली गयी।

वहाँ भी बिल्ली कुछ समय आराम से रही कि एक दिन जब वह शेर के साथ जंगल में टहल रही थी कि एक बहुत बड़ा जानवर आया और शेर के ऊपर उसने अपना पैर रख दिया और शेर मर गया।

“अरे, यह तो शेर भी जंगल का सबसे अच्छा जानवर नहीं निकला। सबसे अच्छा जानवर तो वह हाथी है जिसने शेर को भी मार डाला। ” सो वह बिल्ली हाथी के साथ रहने चली गयी।

अब वह बिल्ली हाथी की पीठ पर चढ़ जाती और उसकी गरदन पर उसके दोनों कानों के बीच में बैठ कर कुछ कुछ बोलती रहती। हाथी के साथ रहने में उसको बड़ा आनन्द आया। वह उसके साथ बहुत खुश थी।

वे दोनों भी काफी दिन तक खुशी खुशी रहे कि एक बार जब वे लम्बे लम्बे सरकंडे के पेड़ों में से हो कर गुजर रहे थे तो एक बहुत ज़ोर की आवाज आयी और उस आवाज के साथ ही हाथी नीचे गिर पड़ा और मर गया।

बिल्ली ने चारों तरफ देखा तो उसको पास में बन्दूक लिये एक छोटा सा आदमी खड़ा हुआ दिखायी दिया। “ओओओह, अरे यह तो हाथी भी जंगल का सबसे बढ़िया जानवर नहीं था। यह तो यह आदमी है जो हाथी को भी मार देता है। ”

और वह बिल्ली उस आदमी के पीछे पीछे उसके घर चली गयी और उसकी झोंपड़ी की फूस की छत पर जा कर बैठ गयी। वह खुशी खुशी बोली — “आखिर मैंने पूरे जंगल का सबसे अच्छा जानवर ढूँढ ही लिया। अब मैं इसके साथ आराम से अपनी सारी ज़िन्दगी गुजार सकूँगी। ”

काफी दिन तक वह उस झोंपड़ी की फूस वाली छत पर खुशी खुशी रही और उस गाँव में जो भी चूहे उसे मिल जाते उन्हें पकड़ कर खा लेती।

एक दिन वह उस फूस की छत पर बैठी धूप का आनन्द ले रही थी कि उसने झोंपड़ी के अन्दर से कुछ शोर सुना। घर में पति और पत्नी दोनों आपस में बहुत ज़ोर ज़ोर से लड़ रहे थे।

दोनों की लड़ाई की आवाजें तेज़ और तेज़ होती जा रही थीं कि आदमी धड़ाम से उस झोंपड़ी के बाहर धूल में आ गिरा।

यह देख कर बिल्ली बोली “आहा, अब मुझे पता चला कि पूरे जंगल का सबसे अच्छा जानवर कौन है। वह यह आदमी भी नहीं था बल्कि यह औरत है जो आदमी को भी अपने काबू में रखती है। ”

बस वह तुरन्त ही उस फूस की छत से नीचे उतर आयी और झोंपड़ी के अन्दर चली गयी। अन्दर जा कर वह आग के पास बैठ गयी और तब से अब तक वह वहीं बैठी है।

(साभार : सुषमा गुप्ता)

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