गधा जो बहुत तेज चलता था : फिलीपींस लोक-कथा

एक आदमी के पास ढेर से नारियल थे। वो उन्हें बेचने के लिए शहर जाना चाहता था। इसलिए, उसने नारियल अपने गधे पर लादे।

शहर का रास्ता काफी लंबा था । रास्ते में उसकी मुलाकात एक लड़के से हुई।

"शहर पहुंचने में कितना समय लगेगा?" आदमी ने पूछा।

"अगर आप तेज़ जाएंगे, तो आपको लंबा समय लगेगा, पर अगर आप धीरे-धीरे जाएंगे, तो आप वहां जल्दी पहुंच जाएंगे।" लड़के ने कहा।

आदमी को वो लड़का बड़ा मूर्ख लगा। उसे लगा कि लड़के ने बेमतलब का कुछ ऊट-पटांग बका था।

"मेरा गधा बहुत तेज़ चलता है," आदमी ने कहा।"मैं तुमसे पहले शहर पहुँच जाऊँगा।"

फिर वो आदमी अपने गधे के साथ तेज़ी से शहर की ओर चला।

गधा इतनी जल्दी-जल्दी चला कि नारियल उसकी पीठ से गिरते गए। कुछ ही देर में गधे की पीठ पर रखी टोकरी पूरी तरह खाली हो गई।

कुछ देर बाद आदमी आराम करने के लिए रुका।

"अरे, नहीं," वो चिल्लाया। "मेरे सभी नारियल कहाँ गए ?"

फिर उस आदमी ने धीरे-धीरे करके सारे नारियल उठाए। इसमें उसे बहुत देर लगी।

जब आखिरकार आदमी शहर पहुंचा, तब तक रात हो गई थी। लड़का वहां पहले ही पहुँच चुका था।

"देखो," लड़के ने कहा। "मैंने आपसे कहा था कि कभी-कभी, धीरे चलना ही बेहतर होता है।"

उसके बाद आदमी को अपनी मूर्खता का एहसास हुआ।

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