फायरबर्ड: रूसी लोक-कथा
The Firebird : Russian Folk Tale
रूस के कोहरे भरे पहाड़ों के पीछे समुद्र के ऊपर एक राजा रहता था। उसके पास सेब का एक बागीचा था जो उसको बहुत प्यारा था क्योंकि उस बागीचे में एक सुनहरे सेब का पेड़ खड़ा था।
एक बार एक चोर आया और रात में उस पेड़ से कुछ सेब चुरा कर ले गया।
राजा यह जान कर बहुत परेशान हुआ। उस रात उसने अपनी घुड़साल के रखवाले इवान को उस सेब के पेड़ की रखवाली करने के लिये कहा।
आधी रात गुजर गयी पर कुछ नहीं हुआ। पर उसके बाद अचानक ही वहाँ इतना उजाला हो गया जैसे दिन निकल आया हो। घुड़साल के रखवाले उस लड़के इवान ने ऊपर की तरफ उस सेब के पेड़ में देखा तो उसको वहाँ एक फायरबर्ड दिखायी दी। वह सेब के फलों में अपनी चोंच मार रही थी।
इवान ने तुरन्त ही पेड़ पर चढ़ कर उस फायरबर्ड की पूँछ पकड़ ली। पर उसने अपने आपको इवान के हाथों से छुड़ा लिया और उड़ गयी। मगर इवान के हाथ में उसका एक पंख रह गया।
अगली सुबह को इवान ने राजा को अपना इनाम दिखाया तो राजा का पूरा कमरा उस पंख की रोशनी से जगमगा रहा था।
राजा बोला — “इवान, तुम उस फायरबर्ड को पकड़ कर लाओ और साथ में चोर को भी पकड़ो।”
इवान ने राजा से झुक कर विदा ली, कुछ डबल रोटी, चीज़ और बीयर ली और चल दिया – पर वह नहीं जानता था कहाँ।
वह एक जंगल में घूम रहा था कि अचानक एक भूरे रंग का भेड़िया वहाँ आ गया। वह इवान से बोला — “आओ मेरी पीठ पर बैठ जाओ। मैं चोर पकड़ने में तुम्हारी सहायता करूँगा।”
इवान उसकी पीठ पर बैठ गया तो वह भेड़िया हवा की तेज़ी से उड़ गया। पलक झपकते मैदान भागे जा रहे थे, झीलें भी बड़ी तेज़ी से गुजरती जा रही थीं। पल भर में ही वे एक पहाड़ी पर खुली हुई जगह पर आ पहुँचे जहाँ धूप चमक रही थी।
यहाँ आ कर भेड़िया बोला — “अब तुम वह सुनो जो मैं कहता हूँ। तुम अपनी डबल रोटी और चीज़ को बीयर में मिला लो और उसको जमीन पर बिखेर दो। फिर तुम किसी पेड़ के पीछे छिप जाओ।”
इवान ने वैसा ही किया। डबल रोटी और चीज़ बीयर में मिला कर और उसको जमीन पर बिखेर कर वह और भेड़िया दोनों एक पेड़ के पीछे छिप गये।
धीरे धीरे अँधेरा होने लगा तो वह जगह रोशनी से चमकने लगी। वहाँ कई फायरबर्ड आ रही थीं। वे उस बीयर में भीगी हुई डबल रोटी पर आ कर बैठ गयीं और उसके चारों तरफ चक्कर काटने लगीं।
इवान पेड़ के पीछे खड़ा खड़ा यह सब देख रहा था। फायरबर्ड उसके अपने घर के मुर्गों से चार गुनी बड़ी थीं और उनकी पूँछें हजारों आग की चमक से भी ज़्यादा तेज़ चमक रही थीं।
वह धीरे धीरे उनके पीछे आया और जल्दी से उनमें से एक फायरबर्ड को उसकी पूँछ से पकड़ लिया। उसको उसने एक थैले में डाला और उस भेड़िये की पीठ पर बैठ गया। वे फिर हवा की तेज़ी से उड़ चले।
वे राजा के पास आये तो इवान ने अपना थैला राजा के पैरों के पास फर्श पर रख दिया और उसका मुँह खोला। थैले को खोलते ही कमरे में रोशनी की एक बाढ़ सी आ गयी। उस रोशनी को देखते ही राजा डर गया और उसने अपनी आँखें कस कर बन्द कर लीं।
वह चिल्लाया — “ओह हम तो आग से जले जा रहे हैं इवान। जल्दी से आग बुझाने वाले को बुलाओ।”
इवान हँसा और बोला — “राजा साहब, यह आग नहीं है। मैं फायरबर्ड ले कर आया हूँ।”
राजा अपने हाथ की उँगलियों के बीच में से देखते हुए बोला
— “ओ मेरे प्यारे बेटे, तुम ठीक कह रहे हो। बहुत बहुत
धन्यवाद।”
पर राजा अपने ही इस कहे हुए से सन्तुष्ट नहीं था शायद इवान ही दोबारा उसको यह विश्वास दिला सकता था कि वहाँ कोई आग नहीं थी।
राजा को परियों की कहानियाँ बहुत पसन्द थीं तो उसने एक राजकुमारी के बारे में सुना था, वह थी सुन्दर येलैना । वह समुद्र के उस पार रहती थी।
राजा ने इवान से कहा — “एक राजकुमारी है जो समुद्र के उस पार रहती है। तुम उसको ले कर आओ मैं उससे शादी करूँगा।”
इवान ने राजा को सिर झुका कर विदा कहा और फिर अपने उसी भूरे भेड़िये के पास गया और उसको राजा का हुक्म सुनाया।
भूरा भेड़िया बोला — “तुम बिल्कुल चिन्ता न करो आओ मेरी पीठ पर बैठ जाओ।”
इवान उस भेड़िये की पीठ पर बैठ गया और वह भेड़िया हवा की तेज़ी से उड़ चला।
इवान उसकी गर्दन को कस कर पकड़े हुए था। वे कितनी देर तक उड़ते रहे यह तो मैं नहीं बता सकता पर कुछ ही देर में वे समुद्र के उस पार परियों की कहानी वाले महल के पास आ पहुँचे।
भेड़िया बोला — “अब तुम सब मेरे ऊपर छोड़ दो।”
इवान बाहर एक ओक के पेड़ के पास बैठ गया और भेड़िया उस महल की दीवार के ऊपर कूद गया और तुरन्त ही येलैना को अपनी पीठ पर बिठाये हुए वापस आ गया।
भेड़िया इवान से बोला — “अब तुम राजकुमारी के पीछे बैठ जाओ और देखो मुझे कस कर पकड़े रहना।”
भेड़िया फिर चल दिया और जल्दी ही वे राजा के महल आ पहुँचे पर इससे पहले कि वे चोरी की गयी दुलहिन को राजा को देते इवान आँखों में आँसू भर कर बोला — “ओ बड़े भूरे भेड़िये। मैं तो खुद इस येलैना के प्रेम में पड़ गया हूँ और वह भी मुझसे प्रेम करने लगी है। अब हम क्या करें?”
भेड़िया बोला — “यह सब तुम मुझ पर छोड़ दो। मैं अपने आपको येलैना की शक्ल की राजकुमारी के रूप में बदल लेता हूँ फिर तुम मुझे राजा को दे देना।”
भेड़िये ने अपनी एड़ी पर अपने शरीर को घुमाया और अपना पीछे का हिस्सा आगे की तरफ घुमाया और लो वह तो येलैना की शक्ल में खड़ा था। तुरन्त ही इवान उस भेड़िया राजकुमारी को बूढ़े राजा के पास ले गया।
राजा उसको देख कर बहुत खुश हुआ। उसने अपने कुलीन लोगों को अपनी नयी रानी की राजतिलक की रस्म में बुलाया। पर जैसे ही वह अपनी नयी दुलहिन को चूमने के लिये गया तो उसके होठों ने तो बड़े भूरे भेड़िये के होठों को छुआ।
राजा के लिये तो यह धक्का बहुत बड़ा था। वह तो वहीं का वहीं मर गया। भेड़िया वहाँ से भाग निकला।
इतने में येलैना खुद इवान का हाथ पकड़े वहाँ आयी और वहाँ बैठे सब लोगों से बोली — “क्योंकि मैं अब आप सबकी रानी हूँ मैं इवान को राजा घोषित करती हूँ।”
राजा बन जाने के बाद इवान ने सुन्दर येलैना से शादी कर ली और वे बहुत सालों तक खुशी खुशी रहे।
और जहाँ तक फायरबर्ड का सवाल है – तुम्हें पता है कि उसका क्या हुआ? उन लोगों ने उसको आजाद कर दिया और वह उड़ गयी और फिर कभी सेबों को या डबल रोटी को या फिर चीज़ को कुतरने नहीं आयी।
(साभार सुषमा गुप्ता जी, जिन्होंने लोक-कथाओं पर उल्लेखनीय काम किया है.)