Ashapurna Devi
आशापूर्णा देवी
आशापूर्णा देवी (1909-1995) को सन् 1976 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित
किया गया था। इसके अलावा इन्हें रवीन्द्र पुरस्कार, पद्मश्री, देशीकोत्तम
आदि महत्वपूर्ण सम्मान भी दिये गये। सन् 1994 में इन्हें साहित्य अकादमी
फेलोशिप से भी सम्मानित किया गया। प्रथम प्रति-श्रुति, सुवर्णलता, बकुल
कथा, कल्याणी, नेपथ्य नायिका, छाया सूर्य, उन्मोचन, नवजन्म, निर्जन पृथ्वी
आदि इनकी महत्वपूर्ण कृतियों में से हैं। उन्होंने स्वयं कहा है – मैं लिखती अंखियन देखी। दैनंदिनी
जीवन की अत्यंत छोटी-छोटी घटनाएं आशापूर्णा देवी की कहानियों में महान बन
जाती हैं। आशापूर्णा देवी उन थोड़े से रचनारों में से हैं जिनकी कथाएं हर
पल घर, आंगन, परिवार औऱ मुहल्ले में घूमती रहती हैं और जीवन की
उपेक्षित-सी घटना के माध्यम से बड़ी-बड़ी बात कह जाती हैं। इनके लगभग दो
सौ उपन्यचास और कई कथा-संग्रह नारी मन की संवेदनाओं की परतों से भरे पड़े हैं।
Bangla Stories in Hindi : Ashapurna Devi
बांग्ला कहानियाँ हिन्दी में : आशापूर्णा देवी
Bangla Novels in Hindi : Ashapurna Devi
बांग्ला उपन्यास हिन्दी में : आशापूर्णा देवी