Vishnu Prabhakar
विष्णु प्रभाकर

विष्णु प्रभाकर (२१ जून १९१२- ११ अप्रैल २००९) हिन्दी के सुप्रसिद्ध लेखक थे जिन्होने अनेकों लघु कथाएँ, उपन्यास, नाटक तथा यात्रा संस्मरण लिखे। उनकी कृतियों में देशप्रेम, राष्ट्रवाद, तथा सामाजिक विकास मुख्य भाव हैं। उनका जन्म उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के गांव मीरापुर में हुआ था। उनके पिता दुर्गा प्रसाद धार्मिक विचारों वाले व्यक्ति थे और उनकी माता महादेवी पढ़ी-लिखी महिला थीं जिन्होंने अपने समय में पर्दा प्रथा का विरोध किया था। उनकी पत्नी का नाम सुशीला था। उन पर महात्मा गाँधी के दर्शन और सिद्धांतों का गहरा असर पड़ा। स्वतंत्रता संग्राम के महासमर में उन्होंने अपनी लेखनी का भी एक उद्देश्य बना लिया, जो आजादी के लिए सतत संघर्षरत रही। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं; उपन्यास: ढलती रात, स्वप्नमयी, अर्धनारीश्वर, धरती अब भी घूम रही है, क्षमादान, दो मित्र, पाप का घड़ा, होरी; नाटक : हत्या के बाद, नव प्रभात, डॉक्टर, प्रकाश और परछाइयाँ, बारह एकांकी, अशोक, अब और नही, टूट्ते परिवेश; कहानी संग्रह : संघर्ष के बाद, धरती अब भी घूम रही है, मेरा वतन, खिलोने, आदि और अन्त; आत्मकथा : पंखहीन; जीवनी: आवारा मसीहा; यात्रा वृतान्त् : ज्योतिपुन्ज हिमालय, जमुना गन्गा के नैहर मै। सम्मान : पद्मभूषण, अर्धनारीश्वर उपन्यास के लिये भारतीय ज्ञानपीठ का मूर्तिदेवी सम्मान तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार इत्यादि।

Hindi Stories : Vishnu Prabhakar

हिन्दी कहानियाँ : विष्णु प्रभाकर

  • एक और कुंती : विष्णु प्रभाकर
  • गोपाल की बुद्धि : विष्णु प्रभाकर
  • चोरी का अर्थ : विष्णु प्रभाकर
  • जज का फैसला : विष्णु प्रभाकर
  • ठेका : विष्णु प्रभाकर
  • तुम मेरी माँ हो : विष्णु प्रभाकर
  • धरती अब भी घूम रही है : विष्णु प्रभाकर
  • नहुष का पतन : विष्णु प्रभाकर
  • नागफाँस : विष्णु प्रभाकर
  • पानी की जाति : विष्णु प्रभाकर
  • फ़र्क : विष्णु प्रभाकर
  • बहादुर सेनापति : विष्णु प्रभाकर
  • बँटवारा : विष्णु प्रभाकर
  • मानवता के पुजारी- मुहम्मद : विष्णु प्रभाकर
  • मेरा वतन : विष्णु प्रभाकर
  • मैं ज़िन्दा रहूँगा : विष्णु प्रभाकर
  • रहमान का बेटा : विष्णु प्रभाकर
  • व्यवस्था का राजदार : विष्णु प्रभाकर
  • सच, मैं सुन्दर हूँ? : विष्णु प्रभाकर
  • संघर्ष के बाद : विष्णु प्रभाकर