Dasarathi Bhuiyan
दाशरथि भूयाँ
बहु प्रतिभा के अधिकारी डॉ. दाशरथि भूयाँ ने साहित्य की विभिन्न विधाओं जैसे
कहानी, कविता, निबंध, उपन्यास आदि में लेख लिखकर ओड़िआ साहित्य को
समृद्ध किया है ।
उनकी प्रकाशित पुस्तकें “प्रगतिर चक तले” (प्रगति के पहिये के
नीचे: कहानी-संकलन), “माछ आखिर लुह” (मछली की आँखों के आँसू: कहानी-
संकलन), “मूल्यहीन स्वाधीनता (कहानी-संकलन), “अलोड़ा मणिष (अवांछित
आदमी: कहानी-संकलन), “दु:ख (कहानी-संकलन), “असमर्थ हाथ(कहानी-संकलन),
“सुरत एक्सप्रेस (कहानी-संकलन), “मिलन मुहूर्त (कविता-संकलन), “निर्वाचित स्तंभ
(निबंध-संकलन), दौडुथिबा जीवन (भागता हुआ जिन्दगी- निबंध-संकलन), “जन्म
और जन्मांतर (उपन्यास) आदि हैं ।
“कालाहांडी के लोग” हिंदी अनूदित कहानी
संकलन, संजय बुक सेंटर, वाराणसी द्वारा प्रकाशित । दूसरी अनुवादित कहानी-
संकलन “दायाद” श्री साहित्य प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित ।
उनकी हिंदी में
अनूदित कहानियाँ “समकालीन भारतीय साहित्य, “साहित्य अमृत, “ककसाड़,
“वीणा”, “भाषा”, “आजकल”, “मधुमती” हरिगन्धा, आदि हिंदी साहित्यिक पत्रिकाओं
में प्रकाशित ।
वे “भिन्न स्वर”साहित्य पत्रिका के संपादक थे ।
अब वे नागालैंड
विश्वविद्यालय, नागालैंड के स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक
हैं ।
Oriya/Odia Stories in Hindi : Dasarathi Bhuiyan- Translator : Dr. Bhagaban Tripathy
ओड़िआ/उड़िया कहानियाँ हिन्दी में : दाशरथि भूयाँ- अनुवादक : डॉ. भगवान त्रिपाठी
About the Translator : Dr. Bhagaban Tripathy
अनुवादक : डॉ. भगवान त्रिपाठी के बारे में
०२ अगस्त, १९५५ को ओड़िशा के गंजाम जिले के ब्रह्मपुर शहर में जन्मे
डॉ. भगवान त्रिपाठी ने आगरा विश्वविद्यालय से एम.ए. व रामचरितमानस तथा
वैदेहीशविलास (ओड़िया महाकाव्य ) का तुलनात्मक अध्ययन पर पीएच.डी. की
उपाधि प्राप्त की है। वे ओड़िशा के एक डिग्री कॉलेज में हिन्दी के वरिष्ठ
प्राध्यापक रहे । उन्हें ओड़िया व हिन्दी भाषा में समान अघिकार प्राप्त है।
अनुवाद को वे अपना साहित्यिक कर्तव्य मानते हैं ।
ओड़िया से हिन्दी में उनकी
अनुवादित पुस्तकें निम्न प्रकार हैं- द्वा–सुपर्णा : सौभाग्य मिश्र (काव्य-संकलन),
चंद्रशेखर दास वर्मा की चुनी हुई कहानियाँ, रात से सुबह तक : दिलीप दास (काव्य
-संकलन), श्री शंकराचार्य कृत भज गोविन्दम् का भाष्य : ई. गोविन्द चंद्र साहु,
श्रेष्ठ कहानियाँ : मनोज दास, उसका अपना आकाश : प्रतिभा राय ( उपन्यास ),
चराचर : सौभाग्य मिश्र (काव्य-संकलन), फकीरमोहन सेनापति की समग्र
कहानियाँ, सागर स्वर : प्रतिभा राय (उपन्यास), उत्तराफाल्गुनी तक : दिलीप दास
(काव्य - संकलन), हाय : राज्यबर्द्धन धल महापात्र (कहानी-संग्रह), प्रतिमा :
रत्नाकर राउत (कहानी-संग्रह) मुद्रणालय में और अंत में दायाद : दाशरथि भूयाँ
(कहानी-संग्रह ) आप के कर कमलों में है ।
उन्हें हिन्दी तथा ओड़िया भाषा के मध्य साहित्यिक विनिमय के लिए उत्तर
प्रदेश हिन्दी–संस्थान, लखनऊ द्वारा २०१९ में ’सौहार्द सम्मान“ से समादृत किया
गया है ।