Sachidananda Hirananda Vatsyayan "Agyeya"
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय"
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय" (7 मार्च,1911-4 अप्रैल,1987) कवि, कथाकार, ललित-निबन्धकार,
सम्पादक और सफल अध्यापक थे। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के कुशीनगर में हुआ।
बचपन लखनऊ, कश्मीर, बिहारऔर मद्रास में बीता। प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा पिता की देख रेख में घर पर
ही संस्कृत, फारसी, अंग्रेजी और बांग्ला भाषा व साहित्य के अध्ययन के साथ हुई। बी.एस.सी. करके अंग्रेजी
में एम.ए. करते समय क्रांतिकारी आन्दोलन से जुड़ गये। 1930 से 1936 तक विभिन्न जेलों में कटे। आप पत्र,
पत्रिकायों से भी जुड़े रहे । 1964 में आँगन के पार द्वार पर उन्हें साहित्य अकादमी का और 1978 में कितनी
नावों में कितनी बार पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला । आपके कहानी संग्रह: विपथगा 1937,
परम्परा 1944, कोठरी की बात 1945, शरणार्थी 1948, जयदोल 1951 और आपने उपन्यास, यात्रा वृतान्त, निबंध संग्रह,
आलोचना, संस्मरण, डायरियां, विचार गद्य: और नाटक भी लिखे ।
Complete Hindi Stories : Agyeya
संपूर्ण हिन्दी कहानियाँ : अज्ञेय
Hindi Plays : Agyeya
हिन्दी नाटक : अज्ञेय
Hindi Novels : Agyeya
हिन्दी उपन्यास : अज्ञेय