Dinkar Joshi दिनकर जोशी
दिनकर जोशी (30 जून 1937 - ) का जन्म भावनगर, गुजरात में हुआ। आपने बी.ए. (ऑनर्स) तक शिक्षा प्राप्त की, तत्पश्चात् बैंक सेवा में चले गए। सैंतीस वर्ष की बैंक सेवा के पश्चात् आजकल स्वतंत्र रूप से केवल साहित्य लेखन में व्यस्त हैं। आपकी पहली कहानी 1954 में तथा पहला उपन्यास 1963 में प्रकाशित हुआ।
श्री दिनकर जोशी का रचना-संसार काफी व्यापक है। 41 उपन्यास, 11 कहानी संग्रह, 10 संपादित पुस्तकें, ‘महाभारत’ व ‘रामायण’ विषयक 9 अध्ययन ग्रंथ और लेख, प्रसंग चित्र अन्य अनूदित पुस्तकों सहित अब तक उनकी कुल 110 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें गुजरात राज्य सरकार के 5 पुरस्कार, गुजराती साहित्य परिषद् का ‘उमा स्नेह रश्मि पारितोषिक’ तथा गुजरात थियोसोफिकल सोसाइटी का ‘मैडम ब्लेवेट्स्की अवार्ड’ प्रदान किए गए हैं।
कृतियाँ : उपन्यास : उजाले की परछाईं, श्याम फिर एक बार तुम मिल जाते, कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्, द्वारका का सूर्यास्त, अमृतयात्रा, 35 अप 36 डाउन, गुरुदेव, महाभारत में मातृ-वंदना, महाभारत में पितृ-वंदना।