Jilani Bano जिलानी बानो
जिलानी बानो (14 जुलाई 1936- ) उर्दू साहित्य की हिन्दुसतानी लेखक हैं। इन्हें वर्ष 2001 में भारत सरकार ने पद्म श्री के चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था ।
वह भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक मश्हूर उर्दू कवि हैरत बदायूनी के यहाँ पैदा हुयी थीं। अपनी स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने इंटरमीडिएट
पाठ्यक्रम में दाखिला लिया जब उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय में प्रतिष्ठित कवि और इस्लामिक अध्ययन विभाग के पूर्व प्रमुख अनवर मोअज्जम से शादी की और हैदराबाद चली गईं।
इन्होंने उर्दू में मास्टर डिग्री (एमए) हासिल करने के लिए अपनी शिक्षा जारी रखी।
इन्होंने आठ साल की कम उमरी में लिखना शुरू कर दिया था, और इनकी पहली कहानी, एक नज़र इधर भी 1952 में प्रकाशित हुई थी। इन्होंने 22 पुस्तकें लिखी हैं, जिसमें 'रोशनी के मीनार' से शुरू
होने वाले एंथोलॉजी और ऐवान-ए-ग़ज़ल से शुरू होने वाले उपन्यास शामिल हैं। उनकी किताबों की सूची में एक आत्मकथा, अफसाने और अन्य लेखकों के साथ उनके पत्राचार का संग्रह, दूर की आवाज़ें
शामिल हैं । इनकी कहानियों में से एक, नरसया की बावड़ी, की प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, श्याम बेनेगल द्वारा 2009 की फीचर फिल्म, वेल डन अब्बा बनाया गया है।
इनकी कई कहानियों का अनुवाद विभिन्न देशी और विदेशी भाषाओं में हो चुका है। इन्होंने रेडियो और टी.वी. के लिए कई नाटक लिखे।
सम्मान : ‘ग़ालिब एवार्ड’ (1978), ‘सोवियत लैंड नेहरू एवार्ड’ (1985), ‘महाराष्ट्र उर्दू एकेडमी एवार्ड’ (1988), ‘हरियाणा उर्दू एकेडमी एवार्ड’ (1989), ‘पाकिस्तान का नुकुश एवार्ड’ (1991)।
इनके अतिरिक्त कई अन्य पुरस्कार।