Himanshu Joshi हिमांशु जोशी
हिमांशु जोशी (4 मई 1935 - 23 नवम्बर 2018) हिन्दी के ख्यातिलब्ध कहानीकार, उपन्यासकार और पत्रकार थे। उन्होंने अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत पत्रकारिता से की थी। वे लंबे समय तक हिंदी पत्रिका 'कादम्बिनी' और 'साप्ताहिक हिन्दुस्तान' के संपादन से जुड़े रहे। बाद के दिनों में उन्होंने 'वागर्थ' के संपादन का भी दायित्व संभाला। देहावसान से कुछ समय पूर्व तक वे नार्वे से प्रकाशित पत्रिका 'शांतिदूत' के सलाहकार संपादक रहे।
प्रकाशित कृतियाँ - उपन्यास : अरण्य, महासागर, छाया मत छूना मन, कगार की आग, समय साक्षी है, तुम्हारे लिए
सुराज ।
कहानी संग्रह : अंततः तथा अन्य कहानियां,
मनुष्य-चिह्न तथा अन्य कहानियां,
जलते हुए डैने तथा अन्य कहानियां,
रथ-चक्र,
हिमांशु जोशी की चुनी हुई कहानियां,
तपस्या तथा अन्य कहानियां,
गन्धर्व-गाथा,
चर्चित कहानियां,
आंचलिक कहानियां,
श्रेष्ठ प्रेम कहानियां,
इस बार फिर बर्फ गिरी तो,
नंगे पांवों के निशान,
दस कहानियां,
प्रतिनिधि लोकप्रिय कहानियां,
इकहत्तर कहानियां,
सागर तट के शहर,
स्मृतियाँ,
परिणति तथा अन्य कहानियां।
कविता संग्रह : अग्नि-सम्भव, नील नदी का वृक्ष, एक आँख की कविता।
वैचारिक संस्मरण : उत्तर-पर्व, आठवां सर्ग।