Chinua Achebe
चिनुआ अचेबे
चिनुआ अचेबे (१६ नवम्बर १९३० - २१ मार्च २०१३, बोस्टन) नाइजीरियाई उपन्यासकार, कवि, प्राध्यापक एवं आलोचक थे।
अचेबे का जन्म नाइजीरिया के आजाद होने के तीस साल पहले हुआ था। साल 1958 में आए उनके लघु उपन्यास 'थिंग्स फॉल अपार्ट' ने
उन्हें बतौर लेखक स्थापित किया। अब तक इस किताब की करीब एक करोड़ प्रतियां बिक चुकी हैं। साम्राज्यवाद के प्रभाव के मुद्दे पर
लिखी गई इस पुस्तक का 50 से अधिक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। अचेबे ने अपने जीवन काल में करीब 20 कृतियों की रचना की।
साहित्यकार होने के साथ ही अचेबे महान विचारक व चिंतक भी थे। अंतरराष्ट्रीय पत्रिका फॉरेन पॉलिसी ने साल 2012 में 100 वैश्रि्वक
चिंतकों की सूची में उन्हें 68वां स्थान दिया था।
अफ्रीका के कथा पुरुष अचेबे को साल 2007 में 'मैन बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। महान लेखक नादिन
गोर्डीमर ने उन्हें 'आधुनिक अफ्रीकी साहित्य के पितामह' की उपमा दी थी। अचेबे के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए दक्षिण अफ्रीका
के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने कहा कि, वह एक ऐसे लेखक थे जिन्होंने बंधनों को तोड़ा। नाइजीरिया के राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन
ने कहा कि देश उनकी कमी को कभी पूरा नहीं कर सकेगा।
अचेबे द्वारा तीन भिन्न भाषाओं-नाइजीरियाई अंग्रेजी, मातृ-भाषा ईबो तथा मिश्रित-भाषा पिजिन और इबो मुहावरों का अत्यधिक प्रयोग अपने
लेखन में किया गया है । इसका मुख्य कारण ईबो लोगों के द्वारा रोजमर्रा की जुबान में मुहावरों का अत्यधिक प्रयोग रहा है जिसमें उनकी
विशिष्ट पहचान देखी जा सकती है।
Chinua Achebe : Nigerian Stories in Hindi
चिनुआ अचेबे : नाइजीरियाई रचनाएँ हिन्दी में