Aabid Surti
आबिद सुरती
आबिद सुरती (5 मई, 1935 - ) राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हिन्दी-गुजराती साहित्यकार और कार्टून पात्र 'ढब्बू जी' के सर्जक हैं। आबिद सुरती चित्रकार,
कार्टूनिस्ट, व्यंग्यकार, उपन्यासकार और कहानीकार भी हैं। विभिन्न कलाविधाएँ उनके लिए कला और ज़िन्दगी के ढर्रे को तोड़ने का माध्यम हैं। उनकी ये कोशिशें उनके
चित्रों में नज़र आती हैं। स्वभाव से यथार्थवादी होते हुए भी वे अपनी कहानियों में मानव-मन की उड़ानों को शब्दांकित करते हैं। जीवन का सच्चाई से वे सीधे साक्षात्कार न
करके फंतासी और काल्पनिकता का सहारा लेते हैं। व्यंग्य का पैनापन इसी से आता है, क्योंकि यथार्थ से फंतासी की टकराहट से जो तल्ख़ी पैदा होती है, उसका प्रभाव
सपाट सच्चाई के प्रभाव से कहीं ज्यादा तीखा होता है। एक सचेत-सजग कलाकार की तरह आबिद अपनी कहानियों में सदियों से चली आ रही जड़-रूढ़ियों, परंपराओं
और ज़िंदगी की कीमतों पर लगातार प्रश्नचिह्न लगाते हैं और उन्हें तोड़ने के लिए भरपूर वार भी करते हैं। यह बात उन्हें कलाकारों की पंक्ति में ला खड़ा करती है, जो कला
को महज़ कला नहीं, ज़िन्दगी की बेहतरी के माध्यम के रूप में जानते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में पानी की एक-एक बूँद बचाते हुये लोगों को जल संरक्षण के लिये सजग भी किया ।
उनकी रचनाएँ हैं :
कहानी संग्रह- तीसरी आंख, आतंकित, दूसरी बीवी, दस प्रतिनिधि कहानियां,
उपन्यास- कथावाचक, मुसलमान, काली किताब, आदमी और चूहे, बहत्तर साल का बच्चा, खोया हुआ चेहरा, काले गुलाब, गुलमोहर के आंसू,
नाटक- नारी परीक्षा, राधे-राधे हम सब आधे,
बाल साहित्य- नवाब रंगीले, डॉ. टिंचू के चमत्कार, बुद्ध क्यों मुस्कुराए, 2500 साल के बाद
सम्मान : सौहार्द्र सम्मान, राष्ट्रपति सम्मान ।