Dr. Ram Kumar Verma
डॉ रामकुमार वर्मा
डॉ रामकुमार वर्मा (15 सितम्बर, 1905 - 5 अक्तूबर 1990) का जन्म मध्य प्रदेश के सागर जिले में हुआ था। डॉ वर्मा को हिंदी एकांकी का जनक माना जाता है और आपको 'एकांकी सम्राट' कहा जाता है। आपकी प्रारंभिक शिक्षा मध्य प्रदेश में हुई। आपकी उच्च शिक्षा प्रयाग विश्वविद्यालय से हुई। स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के बाद आप वहीं हिंदी विभाग में प्राध्यापक नियुक्त हुए और बाद में विभागाध्यक्ष पदोन्नत हुए। नाटककार और कवि के साथ-साथ आपने समीक्षक, अध्यापक तथा हिंदी साहित्येतिहास लेखक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आप गर्व के साथ कहते थे, 'ऐतिहासिक एकांकियों में भारतीय संस्कृति का मेरुदंड-नैतिक मूल्यों में आस्था और विश्वास का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है।' आपके काव्य में रहस्यवाद और छायावाद की झलक है। डॉ. रामकुमार वर्मा ने अपने इतिहास प्रसिद्ध नाटकों में राष्ट्रनायकों के चरित्रों के सहारे प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता को जीवंत करके दर्शकों तथा पाठकों के हृदय में राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत करने का प्रयास किया। उनके नाटकों के नायक प्राय: अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राणों की बलि देने को सदा तैयार रहते हैं ।
आपकी कृतियाँ हैं: एकांकी संग्रह : पृथ्वीराज की आंखें, रेशमी टाई, चारुमित्रा, विभूति, सप्तकिरण, रूपरंग, रजतरश्मि, ऋतुराज, दीपदान, रिमझिम, इन्द्रधनुष, पांचजन्य, कौमुदी महोत्सव, मयूर पंख, खट्टे-मीठे एकांकी, ललित एकांकी, कैलेण्डर का आखिरी पन्ना, जूही के फूल। नाटक : विजय पर्व, कला और कृपाण, नाना फड़नवीस, सत्य का स्वप्न। काव्य : चित्ररेखा, चन्द्रकिरण, अंजलि, अभिशाप, रूपराशि, संकेत, एकलव्य, वीर हम्मीर, निशीथ, नूरजहां, जौहर, आकाशगंगा, उत्तरायण, कृतिका। आलोचना एवं साहित्येतिहास : कबीर का रहस्यवाद, इतिहास के स्वर, साहित्य समालोचना, साहित्यशास्त्र, अनुशीलन, समालोचना समुच्चय, हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास। सम्पादन : हिंदी साहित्य का संक्षिप्त
इतिहास।
Hindi Plays : Dr. Ram Kumar Verma
हिन्दी नाटक : डॉ रामकुमार वर्मा
Reshmi Tie (Ekanki Sangreh) : Dr. Ram Kumar Verma
रेशमी टाई (एकांकी संग्रह) : डॉ रामकुमार वर्मा
Hindi Stories : Dr. Ram Kumar Verma
हिन्दी कहानियाँ : डॉ रामकुमार वर्मा