Muhammad Mansha Yaad मुहम्मद मंशा याद
मुहम्मद मंशा याद (5 सितंबर 1937 - 15 अक्टूबर 2011) पंजाब, पाकिस्तान के लेखक और नाटककार थे।उनकी पहली
लघु कहानी 1955 में छपी और उनकी कहानियों का पहला संग्रह 1975 में प्रकाशित हुआ। उन्होंने कई साहित्यिक पत्रिकाओं
में उर्दू और पंजाबी कहानियाँ लिखीं। उन्होंने पंजाबी में एक उपन्यास, टावां टावां तारा, और कई टेलीविज़न सीरीज़ और नाटकों
सहित दस लघु कहानियों के संग्रह प्रकाशित किए हैं।
मंशा याद की माँ युवा मंशा को पंजाबी लोकगीत, किस्से और लोकप्रिय कहानियाँ सुनाया करती थीं। डॉन (अख़बार) ने मंशा याद
पर अपने लेख में टिप्पणी की, "ऐसी परवरिश ने एक इंजीनियर को एक लघु कथाकार में बदल दिया जो उपमहाद्वीप में एक अच्छे
गुणवत्ता वाले लेखक के रूप में उभरा।"
लघु कथाएँ : "बंद मुट्ठी मैं जुगनू" , "मास और मिट्टी", "खला अंदर खला", "वक्त समुंदर" "वग्दा पानी ", "दरखत आदमी",
"दूर की आवाज" "तमाशा" "ख्वाब सराय" "इक कंकर ठहरे पानी में"।
उपन्यास : राहें (उर्दू उपन्यास) टावां टावां तारा (उपन्यास पंजाबी)।
पुरस्कार : सर्वश्रेष्ठ उपन्यास लेखक के लिए बाबा फ़रीद अदबी पुरस्कार (2006),
12वें अंतर्राष्ट्रीय पंजाबी सम्मेलन में लाइफ़ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार (2005),
पाकिस्तान सरकार द्वारा उपन्यास और लघु कहानी लेखन के लिए प्राइड ऑफ़ परफ़ॉर्मेंस पुरस्कार (2005),
राइटर्स फ़ोरम, इस्लामाबाद द्वारा लाइफ़ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार (2004),
पंजाबी अदबी संस्कृति संगत पुरस्कार (2004),
पंजाबी लिखारी फ़ोरम, यूनाइटेड किंगडम द्वारा उनके साहित्यिक कार्य के लिए सम्मानित (2004), ।