Gurbachan Singh Bhullar
गुरबचन सिंह भुल्लर

गुरबचन सिंह भुल्लर (18 मार्च 1937-) का जन्म बठिंडा ज़िले के गाँव पित्थो में हुआ । उन्होंने प्राथमिक शिक्षा अपने गाँव के प्राथमिक स्कूल से प्राप्त की। ऊँची विद्या हासिल करने के उपरांत वह स्कूल अध्यापक नियुक्त हुए । परन्तु अध्यापक यूनियन की सरगर्मियों में बढ़ -चढ़ कर हिस्सा लेने के कारण लगभग दस साल बाद उनको यह नौकरी छोड़नी पड़ी। फिर वह दिल्ली में सोवीयत दूतावास में काम करने लगे। बाद में वह पंजाबी ट्रिब्यून के संपादक भी रहे।वह पंजाबी के नामवर कहानीकार हैं परन्तु उन्होंने कविता, सफ़रनामा, अनुवाद, संपादन, पत्रकारिता, रेखा -चित्र, आलोचना, बाल साहित्य आदि अनेक क्षेत्रों में साहित्य रचना की है। उनके कहानी -संग्रह अग्नि -कलश को साल 2005 में साहित्य अकादमी पुरुस्कार दिया गया । रचनायों की सूची : ओपरा मरद (1967), दीवे वांग बलदी अक्ख (2010), मैं ग़ज़नवी नहीं, 51 कहानियाँ, अगनी कलस, बचन बिलास, बाल साहित्य और संस्कृति, बारां रंग, धरती दियां धियां, गुरशरन सिंह, कबर जेहनां दी जीवे हू, कलम कटार, मौन कहाणी, पंजाबी कहानी कोश, पंजाबी कहानी यातरा, साडे विग्यानी, समकाली पंजाबी कहाणी, संतोख सिंह धीर, सूहे फुल्ल (अजरबाईजानी कहाणियां), तिन्न मूरतियां वाला मन्दर वखतां मारे, इक अमरीका इह वी, पंजाब दे कोहेनूर।