George Orwell
जॉर्ज ऑरवेल

जॉर्ज ऑरवेल (25 जून, 1903; मोतिहारी, बिहार, ब्रिटिश भारत - 21 जनवरी, 1950; लंदन, यूनाइटेड किंगडम) अंग्रेजी उपन्यासकार, निबंधकार, पत्रकार और आलोचक थे। उनका मूल नाम एरिक आर्थर ब्लेयर था। उन्होंने बर्मा में इंपीरियल पुलिस में नौकरी की और फिर स्पेनी गृहयुद्ध के लिए रिपब्लिकन आर्मी में शामिल हो गए। ऑरवेल ने छह उपन्यासों के साथ ही अनेक निबंध और कथेतर साहित्य की रचना की। उनके लेखन में गहरी बुद्धिमत्ता, सरलता, सामाजिक असमानता की गहरी समझ, एकाधिकार का कड़ा विरोध, भाषा की स्पष्टता और लोकतंत्र से जुड़े समाजवाद में विश्वास की विशेषता है। ऑरवेलियन शब्द को शब्दकोश में जोड़ा गया है, साथ ही उन्होंने भाषा को कई नए शब्द दिए हैं।
ऑरवेल के लेखन में आलोचना, कविता, उपन्यास और कठोर शब्दों वाली पत्रकारिता शामिल रही। वे अपने लाक्षणिक लघु उपन्यास ‘एनिमल फार्म’ (1945) और निराशावादी परिस्थितियों को दरशाने वाले उपन्यास ‘नाइनटीन एटी फोर’ (1949) के लिए सुविख्यात हैं। जिस प्रकार राजनीति, साहित्य, भाषा और संस्कृति पर उनके लेखों की प्रशंसा हुई है, उसी प्रकार इंग्लैंड के उत्तर में मजदूर के रूप में जीवन जीने के उनके अनुभव को बतानेवाली ‘द रोड टू विगन पायर’ (1937) और स्पेनी गृह युद्ध में उनके अनुभवों का वर्णन करनेवाली ‘होमेज टु कैटालोनिया’ (1938) जैसी कथेतर रचनाओं की व्यापक सराहना हुई।

George Orwell : Novels in Hindi

जॉर्ज ऑरवेल : उपन्यास हिन्दी में