T. Padmanabhan टी. पद्मनाभन्
थिनाक्कल पद्मनाभन (जन्म 5 फरवरी 1931-), जिन्हें टी. पद्मनाभन के नाम से जाना जाता है, मलयालम साहित्य के लघु कथाकार हैं। 'साक्षी', 'एंटे आद्यत्ते कथकल्' (मेरी प्रारंभिक कहानियाँ), 'पद्मनाभंटे कथकल्' (पद्मनाभन की कहानियाँ) 'प्रकाशं परत्तुन्न पेण्कुट्टि' (प्रकाश फैलाती लड़की), 'मखनसिंहिंटे मरणं' (मखन सिंह की मृत्यु), 'काल भैरवन्' (काल भैरव), 'गौरि' आदि उनके मुख्य कहानीसंकलन हैं। वह केरल सरकार के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार एज़ुथाचन पुरस्कारम सहित कई पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता हैं। उन्होंने पहले चुने गए कुछ पुरस्कारों को अस्वीकार कर दिया, जिनमें केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार (1973), ओडक्कुझल पुरस्कार (1995) और साहित्य अकादमी पुरस्कार (1996) शामिल हैं। महात्मा गांधी विश्वविद्यालय ने उन्हें 2018 में डॉक्टर ऑफ लेटर्स की मानद उपाधि से सम्मानित किया। इनके द्वारा रचित कहानी–संग्रह गौरी के लिये इन्हें सन् 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।