Sunil Gangopadhyay सुनील गंगोपाध्याय
सुनील गंगोपाध्याय या सुनील गांगुली (7 सितम्बर 1934 – 23 अक्टूबर 2012) सरस्वती सम्मान से सम्मानित बांग्ला साहित्यकार।
जन्म स्थान : फरीदपुर, बांग्लादेश।
शिक्षा : कोलकाता विश्वविद्यालय से एम.ए.।
ट्यूशन करके कर्मजीवन की शुरुआत हुई। इसके बाद कई प्रकार के अनुभव।
लेखन की शुरुआत कविता से हुई। ‘कृत्तिवास’ पत्रिका के संस्थापक-सम्पादक। कवि के रूप में जब ख्याति के शीर्ष पर थे तब अचानक उपन्यास लिखना शुरू कर दिया। पहला उपन्यास ‘आत्म प्रकाश’ जो ‘देश’ पत्रिका के शारदीय विशेषांक में छपा। पहला कविता-संग्रह एका एवं कयेकजन (अकेले एवं कई लोग)। बच्चों के लेखक के रूप में उतने ही लोकप्रिय। ‘नील लोहित’ के नाम से भी काफी लिखा। ‘सनातन पाठक’ तथा ‘नील उपाध्याय’ उनके दो और लेखकीय छद्म नाम हैं।
सम्मान : ‘आनन्द पुरस्कार’ दो बार प्राप्त। सन् 1983 में ‘बंकिम पुरस्कार’। सन् 1985 में उन्हें ‘साहित्य अकादमी’ का पुरस्कार मिला।
कृतियाँ : उन्होंने करीब दो सौ पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से अधिकतर कहानियां, उपन्यास, नाटक, आलोचना, यात्रा वृत्तांत के अलावा बाल साहित्य शामिल हैं। वर्ष 1985 में सुनील गंगोपाध्याय को उनके उपन्यास ‘सेई समय’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लंबे समय तक साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष रहने के बाद उन्हें साल 2008 में साहित्य अकादमी का अध्यक्ष चुना गया था।
उनकी अन्य प्रसिद्ध रचनाओं में ‘पार्थो आलो’ और ‘पूर्बो-पश्चिम’ शामिल हैं। उनके उपन्यास ‘प्रतिद्वंद्वी’ पर महान फिल्मकार सत्यजीत रे फिल्म भी बना चुके हैं। साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा उन्हें आनंद पुरस्कार (1989), बंकिम पुरस्कार (1983) और द हिंदू साहित्य पुरस्कार (2011) से भी सम्मानित किया जा चुका है।