Pragati Gupta प्रगति गुप्ता

जन्म: 23 सितंबर,1966, आगरा, उत्तर-प्रदेश
शिक्षा: एम.ए.(समाजशास्त्र) गोल्ड मैडलिस्ट (आगरा विश्वविद्यालय, आगरा)
लेखन प्रारंभ :15-16 की उम्र से, नियमित प्रकाशन 2017
कार्यक्षेत्र: गत तीस वर्षों से सामाजिक और चिकित्सीय क्षेत्र में काउंसलिंग।

प्रकाशित कृतियाँ : “तुम कहते तो” (दो बार पुरस्कृत काव्य-संग्रह), “शब्दों से परे” (पुरस्कृत काव्य-संग्रह), “सहेजे हुए अहसास”, “अनुभूतियां प्रेम की”, “मिलना मुझसे”, “सुलझे..अनसुलझे!!!”, “माँ! तुम्हारे लिए”, “पूर्ण-विराम से पहले...!!!”, (पुरस्कृत उपन्यास), “भेद”, (पुरस्कृत लघु उपन्यास) “स्टेपल्ड पर्चियाँ”, (तीन बार पुरस्कृत कहानी संग्रह, भारतीय ज्ञानपीठ समूह), “कुछ यूँ हुआ उस रात”, (तीन बार पुरस्कृत कहानी संग्रह), “इंद्रधनुष”, (बाल कथाएं), राग भोपाली के द्वारा प्रगति गुप्ता के व्यक्तिव और कृतित्व पर केंद्रित विशेषांक।
साझा संकलन : कविता अनवरत, कविता अभिराम, शब्दों का कारवां, समकालीन सृजन, सूर्य नगरी की रश्मियां, स्वप्नों की सेल्फ़ी, कथा दर्पण रत्न, छाया प्रतिछाया, सतरंगी बूंदें, संधि के पटल पर, सहमी हुई लकीरें।

सम्मान : 'श्री वासुदेव प्रसाद खरे स्मृति पुरस्कार', 'रघुनंदन त्रिवेदी कथा सम्मान', इसके इलावा इनकी हर पुस्तक को कई सम्मान मिले हैं।
ई-मेल : pragatigupta.raj@gmail.com