Ivan Bunin
इवान बूनिन
इवान बूनिन (1870-1953) एक प्रमुख गद्यकार और कवि थे जिन्होंने 19वीं
शताब्दी के अन्त और 20वीं शताब्दी के आरम्भ के रूसी जीवन और
रहन-सहन के ढंग के साहित्यिक तथा यथार्थवादी चित्र प्रस्तुत किये हैं।
उनका कृतित्व 19वीं शताब्दी के क्लासिक साहित्य और रूसी सोवियत
साहित्य के बीच एक तरह का पुल है। "बूनिन को रूसी साहित्य से
निकाल दीजिये, तो वह धुँधला जायेगा, उसकी सजीव, रंगीन चमक
तथा एकाकी, भटकती आत्मा की तारक आभा से वंचित हो जायेगा..."
मक्सिम गोर्की ने लिखा है।
बूनिन का जीवन और साहित्यिक पथ सीधा-सरल नहीं था।
अक्टूबर क्रान्ति के बाद वे अपनी मातृभूमि छोड़कर चले गये और जीवन
के अन्तिम क्षण तक रूसी धरती के विछोह में, जिसे "हृदय की टीस
तक प्यार करते थे" तड़पते रहे। बूनिन 1933 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हुए।