Homen Borgohain
होमेन बोर्गोहेन

होमेन बोर्गोहेन/হোমেন বৰগোহাঞি (7 दिसंबर 1932 - 12 मई 2021) असम के प्रमुख लेखकों, पत्रकारों, आलोचकों, कवियों और कहानीकारों में से एक हैं। उन्हें उनके साहित्यिक योगदान के लिए मिले पुरुस्कारों में श्रीमंत शंकरदेव पुरस्कार, असम घाटी साहित्य पुरस्कार, असमिया भाषा साहित्य अकादमी पुरस्कार शामिल हैं । साहित्य अकादमी पुरस्कार उन्हें 1978 में 'पिता-पुत्र' पुस्तक के लिए दिया गया था। हालांकि, भारतीय समाज में सहिष्णुता की कमी के विरोध के रूप में, उन्होंने 2015 में प्राप्त नकद के साथ पुरस्कार वापस कर दिया। होमेन बोर्गोहैन की प्रमुख पुस्तकें हैं : पिता-पुत्र (उपन्यास), हालधीया चराये बाउधान खाय (उपन्यास), साउदर पुतेके नांव, मेलि याय (उपन्यास), मत्सगंघा (उपन्यास), घुमुहा आरु रामघेनु (आत्मकथा), आशी दशकर दस्तावेज (आत्मकथा), मुर सांबादिक जीवन (आत्मकथा), मुर हृदय एखोन युद्धक्षेत्र (आत्मकथा), किताब पढ़ार आनन्द (निबंध), पाठकर टोकाबही (निबंध संग्रह), आमाक किताब लागे (निबंध संग्रह) ।

Homen Borgohain : Assamese Stories in Hindi

होमेन बोर्गोहेन की कहानियाँ हिन्दी में