Gabriel García Márquez गेब्रियल गार्सिया मार्केज़
गेब्रियल गार्सिया मार्ख़ेस (6 मार्च 1927 – 17 अप्रैल 2014) नोबेल पुरस्कृत विश्वविख्यात साहित्यकार थे। १९५० में रोम और पेरिस में स्पेक्टेटर के संवाददाता रहे। १९५९ से १९६१ तक क्यूबा की संवाद एजेंसी के लिए हवाना और न्यूयार्क में काम किया। वामपंथी विचारधारा की ओर झुकाव के कारण उन पर अमेरिका और कोलम्बिया सरकारों द्वारा देश में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगया गया। उनका प्रथम कहानी-संग्रह लीफ स्टार्म एंड अदर स्टोरीज १९५५ में प्रकाशित: नो वन नाइट्, टु द कर्नल एंड अदर स्टोरीज और आइज़ ऑफ ए डॉग श्रेष्ठ कहानी संग्रह है। उनके उपन्यास सौ साल का एकांत (वन हंड्रेड इयर्स ऑफ सालीच्यूड) को १९८२ में नोबल पुरस्कार प्राप्त हुआ। 17 अप्रैल 2014 को ८७ वर्ष की आयु में मैक्सिको नगर में उनका निधन हो गया।
मार्केस ने लेखन की तकनीकें काफ्का, मिखाइल बुल्गाकोफ, एर्नेस्ट हेमिंग्वे, वर्जीनिया वुल्फ और जेम्स जॉयस जैसे लेखकों से हासिल की थीं। दोस्तोएव्स्की, मार्क ट्वेन और एडगर एलन पो का असर भी उन पर रहा है। डॉन क्विजोट का आख्यान उनका एक सबक है। साइमन बोलीवर उनके कथानकों के महानायकों में दिखते रहते हैं। मार्केस के लेखन का सबसे बड़ा खजाना है उनकी स्मृतियां. बचपन की स्मृतियां, जहां उनका ननिहाल है। नाना-नानी हैं, मां है, मौसियां हैं, आयाएं और दाइयां हैं। एक पूरा कस्बा है। लोग हैं। दोस्त हैं। मार्केस ने मृत्यु के बारे में अपने भय को रेखांकित करते हुए कहा था कि मृत्यु का एक अर्थ ये भी होता है कि आप अपने दोस्तों से फिर नहीं मिल पाते हैं।