जीवन चक्र : ओ. हेनरी
The Whirligig of Life : O. Henry
(सुविख्यात अमेरिकी कथाकार ओ. हेनरी की एक लोकप्रिय कहानी का भावानुवाद)
जस्टिस वेनाजा वाइडप अपने दफ्तर में दरवाजे के सामने बैठे चुरुट पी रहे थे। सामने कंबरलैंड की पहाड़ियां दोपहर के कुहासे में नीली और भूरी दिखाई दे रहीं थीं। एक चितकबरी मुर्गी, बस्ती की मुख्य सड़क पर यूँ ही चूँ चूँ करती हुई अकड़ कर चल रही थी।
तभी सड़क पर किसी गाड़ी के चरमराते धुरे की आवाज सुनाई दी, फिर धूल का हल्का सा बादल आया और उसके पीछे रेन्सी विल्ब्रो और उसकी पत्नी को लिए हुए एक बैलगाड़ी आई। वह गाड़ी जस्टिस वेनाजा के दफ्तर के दरवाजे पर आकर रुकी और उसमें से वे दोनों उतरे। रेन्सी करीब छः फुट लम्बा, पीले भूरे रंग का दुबला पतला आदमी था जिसके बाल सुनहरे थे। उसकी पत्नी सफ़ेद रंग के कपड़े पहने हुए थे जिस पर जहां तहां नसवार के दाग नजर आ रहे थे। वह कुछ थकी हुई सी, अपनी अनजान इच्छाओं के भार से दबी हुई सी लगती थी।
आगंतुकों को देखकर, अपने पद की मर्यादा की रक्षा करने के लिए जस्टिस महोदय ने जूते पहन लिए और उन्हें अन्दर आने को कहा।
"हम दोनों तलाक चाहते हैं," महिला ने कहा, फिर उसने अपने पति, रेन्सी की ओर देखा मानो पूछ रही हो कि उसकी बात में कहीं कोई कमी, अस्पष्टता, दुराव या पक्षपात तो नहीं है।
रेन्सी ने सहमति में सिर हिलाते हुए कहा - "जी हाँ, तलाक़। अब हम दोनों साथ साथ नहीं रह सकते। जब एक आदमी और एक औरत एक दूसरे का ध्यान रखते हों तो इन पहाड़ों में जीवन काफी आकर्षक लगता है। पर जब कोई औरत जंगली बिल्ली की तरह गुर्राती हो, रात-दिन चिक चिक करती हो तो उसके साथ रहना आदमी के वश की बात नहीं।"
औरत ने इस बात पर ज़रा सी भी नाराजी न दिखाते हुए कहा - "जब आदमी बेकार का कीड़ा हो, दारू बनाने वाले निकम्मों के साथ घूमता हो, शराब पीकर पड़ा रहता हो, और भूखे शिकारी कुत्तों को पालकर उनके गिरोह से लोगों को तंग करता हो...."
तुरंत रेन्सी की ओर से जवाब आया - "जब वह बात बात पर देगचियाँ फेंकती हो और उबलता पानी कंबरलैंड के सर्वश्रेष्ठ कुत्तों पर डाल देती हो, जब आदमी के खाने योग्य खाना भी नहीं पका सकती हो और उसे बिना किसी कसूर के अभियोग लगाकर रात रात भर सोने नहीं देती हो....."
"जब वह पैसे मांगने वालों से हमेशा झगड़ा करता हो, और सारे पहाड़ी इलाके में नालायक आदमी होने की बदनामी अर्जित कर चुका हो वह रात को चैन से कैसे सो सकता है...."
जस्टिस महोदय अपने कर्त्तव्य का पालन करने को सक्रिय हो गए। उन्होंने एक कुर्सी और एक स्टूल प्रार्थियों के बैठने के लिए दी। उन्होंने क़ानून की पुस्तक टेबल पर रखी और उसकी छानबीन करने लगे। उन्होंने चश्मे को पोंछा और स्याही की दवात को दूर हटाया।
वे कहने लगे - "जहां तक इस न्यायालय के अधिकारों का सम्बन्ध है, क़ानून की धाराएं, तलाक जैसे विषयों पर मौन हैं। परन्तु समानता, वैधानिकता और चिरंतन नियमों के अनुसार जिस काम में परस्पर समाधान न हो वह अच्छा सौदा नहीं है। अगर एक 'जस्टिस ऑफ़ दि पीस' दो प्राणियों को विवाह-बंधन में बाँध सकता है तो वह उन्हें तलाक दिलवाने का भी हक़ रखता है। यह न्यायालय तलाक का आदेश देगा और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इसे मंजूर करने के निर्णय का पालन करेगा।"
इसके बाद कुछ रूककर न्यायाधीश बोले - "इस न्यायालय में तलाक की सामान्य फीस पांच डॉलर है।"
रेन्सी विल्ब्रो ने अपनी जेब से एक तम्बाकू की थैली निकाली। उसमें से पांच डॉलर का एक नोट निकाल कर टेबल पर रख दिया।
उसने कहा - "इसके लिए मैंने लोमड़ी के फर और हिरन की खाल बेचीं है। यही मेरी सारी पूंजी है।"
न्यायाधीश महोदय ने अनासक्ति का ढोंग करते हुए वह नोट अपने कोट की जेब में ठूंस लिया। इसके बाद एक लम्बे कागज़ के आधे भाग में उन्होंने अत्यंत शारीरिक और मानसिक श्रम के बाद आदेश लिखा और बाकी के आधे भाग पर उसकी नक़ल लिखी। फिर रेन्सी विल्ब्रो और उसकी पत्नी ने उस तलाकनामे की इबारत सुनी जो उन्हें एक दुसरे से मुक्त करने वाला था।
"हर ख़ास व आम को इत्तिला की जाती है कि रेन्सी विल्ब्रो और उनकी पत्नी अरीला विल्ब्रो आज की तारीख को मेरे सामने हाजिर हुए और अपने ठीक होशोहवास में प्रतिज्ञा की कि आज से वे एक दूसरे को न प्यार करेंगे न इज्जत देंगे; न भले के लिए, न बुरे के लिए, एक दूसरे का कहना नहीं मानेंगे और राज्य की शान्ति और महत्ता के लिए तलाक के आदेश का पालन करेंगे। इसमें चूक नहीं होगी। भगवान् उनकी मदद करे। टेनेसी राज्य के अंतर्गत, पीडमोंड गाँव का, जस्टिस ऑफ़ दि पीस, वेनाजा वाइडप।"
न्यायाधीश महोदय यह इकरारनामा रेन्सी के हाथ में देने ही वाले थे कि अचानक अरीला की आवाज ने उन्हें इस काम से रोक दिया। दोनों पुरुष उसकी ओर देखने लगे। दोनों की नीरस मर्दानगी को एक औरत की अचानक और अप्रत्याशित बात का सामना करना पड़ा -
"जज साहब, इस आदमी को अभी से यह कागज़ मत देना। अभी सब कुछ तय नहीं हो पाया है। अपनी बीवी के पास एक कौड़ी भी न छोड़कर तलाक दे देने का यह कौनसा तरीका है। मैं तलाक के बाद हॉगबेक पहाड़ी पर अपने भाई के घर जाने का सोच रही हूँ। मुझे एक जोड़ी जूते, नसवार और कुछ दूसरी चीज़ें भी चाहिए। अगर रेन्सी, तलाक देने की ताकत रखता है तो उसे मेरे भरणपोषण के लिए भी पैसे देने पड़ेंगे।"
रेन्सी विल्ब्रो पत्नी की बात सुनकर हक्का-बक्का सा रह गया। भरणपोषण की बात की तो उनके बीच कभी चर्चा भी नहीं हुई थी। औरतें हमेशा अप्रत्याशित और घबरा देने वाले मसले खड़े कर देती हैं।
न्यायाधीश को लगा कि औरत की आपत्ति वाजिब और क़ानून द्वारा ध्यान देने योग्य थी। हालांकि राज्य के नियम, भरणपोषण की रकम पर चुप हैं लेकिन उन्हें दिख रहा था कि औरत के पैर नंगे थे और हॉगबेक पहाड़ी की पगडण्डी ढलाऊ और पथरीली थी।
उन्होंने अधिकारपूर्ण स्वर में कहा - "अरीला विल्ब्रो, तुम भरणपोषण के लिए इस मामले में कितना रुपया वाजिब और काफी समझती हो ?"
अरीला बोली - "मेरे जूतों और दूसरी चीज़ों के लिए कम से कम पांच डॉलर तो चाहिए ही। यह कोई बड़ी रकम नहीं है, इतने पैसों में मैं अपने भाई के घर पहुँच जाऊँगी।"
न्यायाधीश सहमत होते हुए बोले - "रकम अनुचित तो नहीं है। रेन्सी विल्ब्रो, तलाक स्वीकार करने से पहले प्रार्थिया को पांच डॉलर देने के लिए तुम्हें न्यायालय आदेश देता है।"
एक भारी सांस छोड़ते हुए रेन्सी बोला - "मेरे पास अब पैसे नहीं हैं। जो कुछ थे, मैंने दे दिए।"
अपने चश्मे के ऊपर से रेन्सी के ऊपर कठोर दृष्टि डालते हुए न्यायाधीश महोदय बोले - "यह रकम तुम्हें देनी होगी, वरना, तुम पर न्यायालय के आदेश का पालन न करने का अभियोग लगाया जाएगा।"
रेन्सी कुछ ढीला पड़ते हुए बोला - "अगर आप मुझे कल तक का समय दें तो मैं किसी से मांगकर या छीन कर इतना पैसा ला सकता हूँ। मैं सत्य कहता हूँ, मुझे यह रकम देने का पता तक नहीं था।"
न्यायाधीश बोले - "ठीक है, फिर कल तक के मामला मुल्तवी किया जाता है। कल तुम यहाँ आकर पहले न्यायालय के आदेश का पालन करोगे फिर तलाक का आदेश जारी किया जाएगा।"
इसके बाद न्यायाधीश महोदय फिर से दरवाजे के सामने जाकर बैठ गए और अपने जूतों के फीते ढीले करने लगे।
रेन्सी ने तय किया, "हमें यहीं जीवा चाचा के यहाँ रात बितानी चाहिए।" गाड़ी के एक ओर से वह चढ़ा और दूसरी ओर से अरीला। बैलगाड़ी धीरे - धीरे रास्ते पर सरकने लगी।
उनके जाते ही, जस्टिस ऑफ दि पीस, वेनाजा वाइडप वापस अपना चुरुट पीने लगे। दोपहर बाद उनका साप्ताहिक पत्र आ गया और वे उसे सन्ध्या होने तक, जब तक कि अक्षर धुंधले न दिखाई पड़ने लगे, पढ़ते रहे। फिर उन्होंने चर्बी की मोमबत्ती जलाकर टेबल पर रख ली और चाँद उगने तक पढ़ते रहे ताकि भोजन करने का समय हो जाय।
वे चिनार के वृक्षों की कतार के पास वाली ढलान पर, एक दो कमरों वाले लकड़ी के मकान में रहते थे। खाने का वक़्त हो गया तो वे घर की ओर चल दिए और लॉरेल की झाड़ियों के पास से गुजरे। अचानक झाड़ियों में से एक आदमी की काली मूर्ति निकली और उनके सीने पर बन्दूक तानकर खड़ी हो गई। उसके माथे का टोप नीचे झुका हुआ था और उसने अपने चेहरे को कपडे से ढँक रखा था।
उस मूर्ति ने कहा, "चुपचाप जो भी कुछ जेब में है, मेरे हवाले करो वरना घोड़ा दबा दूंगा।"
घबराए हुए न्यायाधीश महोदय ने कोट की जेब में ठुंसा हुआ नोट निकाल कर मूर्ति की ओर बढाते हुए कहा, "मेरे पास तो ये पांच डॉलर ही हैं ..."
मूर्ति ने हुक्म दिया, "इन्हें समेटकर बंदूक की नली में खोंस दो ... जल्दी !"
कांपती उँगलियों से न्यायाधीश ने नोट को गोल-गोल मोड़ा और बंदूक की नली में खोंस दिया।
"अब सीधे अपने घर जाओ," डाकू बोला।
न्यायाधीश बीच में कहीं नहीं रुके और न ही उन्होंने मुड़कर देखा।
दूसरे दिन वही बैलगाड़ी न्यायालय के सामने फिर आकर रुकी। इस बार न्यायाधीश महोदय जूते पहने हुए थे क्योंकि वे फरियादियों के आने की राह देख रहे थे।
रेन्सी विल्ब्रो ने न्यायाधीश की उपस्थिति में पांच डॉलर का नोट पत्नी के हाथ में रख दिया। न्यायाधीश की नज़रों ने गौर से नोट को देखा। उन्हें नोट कुछ ऐसा लगा जैसे उसे बंदूक की नली में खोंसने के लिए मोड़ा गया हो। बल्कि यूँ लगा कि खोंसा ही गया हो। फिर उन्होंने मन को समझाया कि दूसरे नोट भी इसी तरह मोड़े जा सकते हैं।
उन्होंने दोनों को तलाक के आज्ञापत्र सौंप दिए। दोनों कुछ देर अपनी आजादी के परवानों को हाथों से मोड़ते हुए अजीब सी खामोशी से खड़े रहे। फिर महिला ने विवश दृष्टि से, लजाते हुए रेन्सी की ओर देखा।
वह बोली, "मेरे खयाल से तुम इस बैलगाड़ी से वापिस घर ही जाओगे। किचन में ताक के ऊपर डिब्बे में रोटी रखी हैं। वहीं नीचे भुनी हुई मछली तपेली से ढंकी रखी है ताकि कुत्ते उसे न पा सकें। और हाँ, रात में घडी में चाबी देना न भूलना।"
रेन्सी ने लापरवाही दिखाते हुए कहा, "तुम तो अपने भाई के घर जा रही हो न।"
"हाँ, उम्मीद है रात होने से पहले पहुँच जाऊँगी। मैं जानती हूँ मुझे देखकर वो लोग खुश नहीं होंगे पर मैं और जाऊं भी तो कहाँ ? मेरे लिए दूसरी कोई जगह भी तो नहीं है। खैर, रास्ता बड़ा खराब है, मुझे अब चल देना चाहिए। रेन्सी, अगर अब तुम इजाजत दो तो मैं तुम्हें 'अलविदा' कह दूँ।"
रेन्सी ने लुटे हुए से स्वर में कहा, "मैंने तो आजतक ऐसा कोई 'नराधम' नहीं देखा जो जाने वाले को अलविदा न कहे। पर अगर कोई बिना सुने ही जाना चाहता हो तो क्या किया जा सकता है?"
अरीला चुप खड़ी रही। उसने तलाक का आज्ञापत्र और पांच डॉलर का नोट अपने ब्लाउज में खोंस लिए। फिर बोली, "रेन्सी, आज रात को कमरे में तुम्हें अकेलापन तो महसूस होगा ?"
रेन्सी विल्ब्रो सामने पहाड़ी की ओर देखता रहा। उसने अरीला की ओर नहीं देखा।
वह बोला, "मैं मानता हूँ वहाँ बड़ा सूना सूना सा होगा, पर जब लोग पागल हो जाएँ और तलाक लेने पर उतारू हो जाएँ तो उन्हें कौन रोक सकता है।"
लकड़ी के स्टूल की ओर देखती हुई अरीला बोली, "जब लोग अपने घर में रहने ही नहीं देना चाहें तो तलाक लेने के अलावा चारा ही क्या होता है ?"
"किसने रहने से मना किया ?"
"तो किसी ने रहने के लिए कहा भी नहीं ! मेरे विचार से मुझे अब चल देना चाहिए।"
"कोई उस पुरानी घड़ी में चाबी नहीं लगाएगा।"
"तुम्हारा मतलब है मैं तुम्हारे साथ गाड़ी में चलकर उस घड़ी में चाबी लगाऊँ ?"
पहाड़ी आदमी अपना उद्वेग छिपाने की कोशिश कर रहा था। पर उसने अपना बड़ा सा हाथ आगे बढ़ाकर अरीला के पतले गोरे हाथ को पकड़ लिया। महिला की पवित्र आत्मा की आभा उसके सूने चेहरे पर चमक उठी।
रेन्सी बोला, "वे शिकारी कुत्ते अब कभी तुम्हें तंग नहीं करेंगे। मुझे अहसास हो रहा है कि मैं तुम्हारे साथ ज्यादती कर रहा था। अरीला, उस घड़ी में चाबी तुम्ही लगा सकती हो।"
अरीला फुसफुसाते हुए बोली, "रेन्सी, उस कमरे में तुम्हारे साथ मेरे ह्रदय की धड़कन गूंजती है। अब मैं कभी पागलपन नहीं करूंगी। अब हमें चलना चाहिए, रेन्सी, ताकि सूरज डूबने से पहले घर पहुँच जाएँ।"
न्यायाधीश की उपस्थिति से बेखबर, वे दोनों जैसे ही दरवाजे की ओर बढ़े, न्यायाधीश ने उन्हें बीच में रोक दिया।
वे बोले, "टेनेसी राज्य की सरकार के नाम पर, मैं तुम्हें क़ानून और न्याय का उल्लंघन करने से रोकता हूँ। यह न्यायालय, दो प्रेमी हृदयों के गलतफहमी और क्षोभ के बादल हटते देख बहुत खुश और राजी है, लेकिन न्यायालय को राज्य की नैतिकता और महत्ता की रक्षा करने का कर्त्तव्य करना पड़ता है। यह न्यायालय तुम्हें इस बात की याद दिलाता है कि तुम दोनों अब पति पत्नी नहीं हो, बल्कि नियमानुसार तलाक ले चुके हो। इसलिए तुम दोनों को विवाहित व्यक्तियों की सुविधाएं और फायदे नहीं मिल सकते।"
अरीला ने रेन्सी की बाँह कसकर पकड़ ली और बोली, "क्या इन शब्दों का अर्थ यह है कि मैं उसे उस समय खो दूँ, जब हम जीवन का सबक अभी अभी पढ़ चुके हैं ?"
परन्तु न्यायाधीश अपनी रौ में कहते रहे, "परन्तु न्यायालय तलाक द्वारा निर्धारित बंधन हटाने के लिए भी तैयार है। विवाह की पवित्र रस्म अदा करने के लिए, और अपनी इच्छानुसार विवाहित जीवन का उपभोग कराने में सहयोग करने लिए न्यायालय तत्पर है। किन्तु यह कार्यवाही पूरी करने का शुल्क पांच डॉलर होगा।"
अरीला ने न्यायाधीश के शब्दों से निकल रहे अर्थ की किरण को छू लिया। शीघ्रता से उसका हाथ अपनी छाती की ओर गया और किसी उन्मुक्त कबूतर की तरह पांच डॉलर का वह नोट न्यायाधीश की टेबल पर उड़ आया।
अरीला के गोरे गाल लाल हो उठे और वह रेन्सी के हाथों में हाथ डाले, उन्हें फिर से गठबंधन में बाँधने वाले शब्दों को सुनती रही।
रेन्सी उसे बाहर तक लाया और वे दोनों साथ साथ गाड़ी में बैठे। बैलगाड़ी एक बार फिर घूमी और पहाड़ों की ओर चल पड़ी।
जस्टिस महोदय फिर दरवाजे के सामने आ बैठे और उन्होंने अपने जूते खोले। एक बार फिर उन्होंने कोट की जेब में पड़े उस नोट को सहलाया। एक बार फिर उन्होंने अपना चुरुट सुलगाया। एक बार फिर वह चितकबरी मुर्गी सड़क पर चूँ चूँ करती हुई अकड़ती हुई चल पड़ी।
(अनुवाद : स. क. शर्मा)