परियों की बातें (पंजाबी कहानी) : देवेन्द्र सत्यार्थी
Pariyon Ki Baaten (Punjabi Story) : Devendra Satyarthi
मैं अपने दोस्त के पास बैठा था। उस वक़्त मेरे दिमाग़ में सुक़्रात का एक ख़याल चक्कर लगा रहा था...क़ुदरत ने हमें दो कान दिये हैं और दो आंखें मगर ज़बान सिर्फ़ एक ताकि हम बहुत ज़्यादा सुनें और देखें और बोलें कम, बहुत कम!
मैं ने कहा “आज कोई अफ़्साना सुनाओ, दोस्त!”
वो बोला। तो आओ, आज मैं तुम्हें एक अज़ीमुश्शान अफ़्साना सुनाऊं,
दो भेड़ें एक जौहड़ के किनारे पानी पी रही थीं।
पानी पीते हुये छोटी भेड़ ने कहा,
मैं अक्सर सुनती हूं उस गाँव के लोग सुंदर, मन मोहनी परियों की बातें किया करते हैं!
बड़ी भेड़ पानी पीती हुई एक लमहा के लिये रुक गई और आहिस्ता से बोली,
“चुप चुप बहन! ये लोग दरअस्ल हमारी ही बातें करते हैं...”