जल्दबाज पुलिस (कहानी) : एस.भाग्यम शर्मा

Jaldbaaj Police (Hindi Story) : S Bhagyam Sharma

“हलो... पुलिस स्टेशन ?"

"एस....."

“यहाँ एक एक्सिडेन्ट हुआ है। एक छोटी उम्र का लड़का बाइक से गिर गया है, उसे बहुत चोट लगी है..।.. आने जाने वाले वाहनों को रोका पर उन्होंने 'पुलिस का मामला है हमें झझंट नहीं चाहिये, इस डर से मदद के लिए नहीं आए। आप तुरन्त आकर मदद करें तो लड़के की जान बच सकती है।"

“क्या कह रहें हैं आप....108 के लिए ? मैंने 108 को भी फोन किया। उनकी एक गाड़ी खराब है। दूसरी गाड़ियाँ दूसरे जरूरी केस में बाहर गई हुई हैं। आप थोड़ा आ जायें तो ठीक रहेगा। प्लीज साहब.......

" अरे भई ! ठीक है, सही जगह का नाम बताओ।"

वे बोले "अरे यें जगह 'हसार' हमारे इलाके में नहीं आता। तुम पास के पुलिस स्टेशन में फोन करो। "

दस मिनिट बाद उन्होंने ही फोन किया । "साहब मैंने उस स्टेशन में पता किया वे कह रहें हैं कि ये जगह आपके जुरिडेक्शन में ही आता है। कन्फर्म कह दिया । "

“क्या है रे बेकार परेशान कर रहा है। अच्छा तुम वहीं रहो मैं आता हूँ। तुम्हारा नाम क्या है ?” उसने नाम बता दिया।

"तुम वहीं ठहरो, मैं आता हूँ।"

थानेदार आया। "तुमने ही फोन किया था ना ?"

'हाँ साहब "

थानेदार ने पास पड़े उस लड़के के चेहरे को पलट कर देखा.......

"अरे.....अरे छोटू तू मेरा भाई ! अरे....अरे मैं पहले क्यों नहीं आया ।" बिलखने लगा।

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