Sundara Ramaswamy
सुंदर रामस्वामी
सुंदर रामस्वामी का जन्म 1931 को कन्याकुमारी के पास तमिलनाडु में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा केरल स्थित कोट्टयम में हुई। वे मलयालम और तमिल द्विभाषा के विद्वान् थे।
उन्होंने अपनी माँ से तमिल पत्रिका 'मणिक्कोडि' के सहारे तमिल भाषा सीखी। वे पुदुमैपित्तन, रा. कृष्णमूर्ति, पी.एस. चेल्लप्पा से प्रभावित रहे। साथ ही ई.वी. रामस्वामी, गांधीजी,
अरविंदो एवं रामकृष्ण परमहंस का भी उनपर प्रभार रहा। युवा अवस्था में लेफ्ट पार्टी से जुड़कर साम्यवादी विचारधारा अपनाई। बाद में उससे विलग हो गए। ओरू पुली मरत्तिन कदै'
उपन्यास चर्चित रहा। वे एक अच्छे कवि भी थे।' उनका 'नडुनिधि नाइगल' कविता-संग्रह लोकप्रिय रहा। 'कोयंदैगल, पेंगल, ऑन्गल' उपन्यास उनके जीवन पर आधारित जीवनी-कथा है।
कथा-संग्रह 'मणिक्कोडि' युग को प्रतिबिंबित करती है। उन्हें अमेरिका टोरंटो विश्वविद्यालय की ओर से 'लाइफ टाइम अचीवमेंट (Life Times Achievement) पुरस्कार' भी मिला है।
2005 में उनका निधन हो गया।
Tamil Stories in Hindi : Sundara Ramaswamy
तमिल कहानियाँ हिन्दी में : सुंदर रामस्वामी