Somnath Zutshi
सोमनाथ जुत्शी
सोमनाथ जुत्शी (1923-1996) चर्चित कहानीकार, नाटककार एवं अनुवादक
हैं। उनका जन्म रघुनाथ मंदिर, हब्बा कदल, श्रीनगर में हुआ। वह कश्मीरी पिता और बंगाली
माता की संतान थे। जो कोलकाता की आबोहवा में पले बढ़े
और मनोचिकित्सक के रूप में लंदन तक गए।उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य और उर्दू में बी.ए.ऑनर्स की
उपाधि प्राप्त की। वे प्रशासनिक सेवा में रहे और जम्मू कश्मीर सरकार के सचिव पद से सेवानिवृत हुए। उन्होंने 15 वर्ष की वय में
ही लेखन शुरु कर दिया था। 20 वर्ष की वय में अंजुमन-ए-अरब-ज़ौक के सदस्य बने, जहाँ वे समकालीन लेखकों के निकट संपर्क में
आए। 1945 में जुत्शी प्रगतिशील लेखक संघ के सचिव नियुक्त हुए। 1948 में जुत्शी ने पहली कश्मीरी कहानी येली फूल गाश लिखी।
वे पहली कश्मीरी पत्रिका कोंग पोश के संपादक भी रहे। उन्होंने 1949 में रेडियो नाटक और रंग नाटक लिखने शुरु किए। कश्मीरी में
उनके बीस से अधिक नाटक प्रकाशित हैं। उन्होंने कई उर्दू कहानियाँ और नाटक भी लिखें हैं। उनकी कहानियों का एकमात्र संग्रह है
येली फूल गाश। उन्होंने इब्सन के नाटक द वाइल्ड डक, गोगोल के इंस्पेक्टर जनरल और काफ़्का के उपन्यास द ट्रायल का कश्मीरी
अनुवाद किया। इंस्पेक्टर जनरल के अनुवाद के लिए उन्हें 1976 में सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार और येली फूल गाश (जब उजाला हुआ)
के लिए 2003 के साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।