Sajid Rashid साजिद रशीद
सुपरिचित कथाकार साजिद रशीद (जन्म 1955-) उर्दू कहानी में स्वतंत्रता के बाद की उस
पीढ़ी के नुमाइंदा हस्ताक्षर हैं जिसने सांस्कृतिक पहचान की दकियानूसी अभिव्यक्ति और गद्य की
पारंपरिक कथा- शैली को तोड़कर अपने लेखन के लिए एक मुकम्मल, समसामयिक और व्यापक
पैठ वाली खुरदरी जमीन तैयार की है। साजिद रशीद का लेखन रूढ़िवाद, साम्प्रदायिकता और
सामाजिक शोषण के अहम सवालों को जिस नजरिए से देखता और उधाड़कर बेपर्दा करता है, वह
न सिर्फ उर्दू, बल्कि समसामयिक भारतीय साहित्य के संदर्भ में नया और उल्लेखनीय है। महाराष्ट्र
उर्दू अकादमी अवार्ड (1981), सवश्रेष्ठ उर्दू पत्रकार अवार्ड (1982), सर्वश्रेष्ठ उर्दू स्तंभ लेखक अवार्ड
(1992), ओसामा तल्हा पत्रकारिता पुरस्कार (1994), सर्वश्रेष्ठ उर्दू कथाकार अवार्ड (1994), कथा
पुरस्कार (1997, 2000) आदि अनेकानेक पुरस्कारों से सम्मानित साजिद रशीद इन दिनों मुंबई में
'नया वरक' और हिंदी दैनिक 'महानगर' के संपादक के रूप में कार्यरत है।
उर्दू में प्रकाशित उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं 'रंगों में जमी बर्फ' (उपन्यास), 'जिंदगीनामा'
(कॉलम संग्रह), 'रेतघड़ी', 'नखलिस्तान में खुलने वाली खिड़की' और 'एक छोटा सा जहन्नुम' (कहानी
संग्रह)।