Pyara Kerketta प्यारा केरकेट्टा

खडिया आदिवासी समुदाय से आने वाले प्यारा केरकेट्टा भारतीय समाज और राजनीति में झारखंडी जनता की दावेदारी को बडी शिद्दत के साथ उठाया और उसे स्थापित किया। झारखंड की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिये उन्होंने देशज भाषाओं को पुनर्सृजित और संगठित किया। मातृभाषा में देशज भाषाओं के अध्ययन अध्यापन के लिये पुस्तकें लिखीं और छपवाईं। खडिया भाषा में आधुनिक शिष्ट साहित्य की शुरूआत की। झारखंड की देशज जनता के स्वभिमान और गौरव को स्थापित करने के लिये युवाओं का नेतृत्व करते हुए सांस्कृतिक आंदोलन को संगठित किया। आजादी के पहले और बाद के भारत में झारखंड की उत्पीडित आबादी के समग्र उत्थान के लिये वे हमेशा संघर्षरत रहे। खड़िया भाषा में आधुनिक कहानी लिखनेवाले वे प्रथम लेखक हैं।

प्यारा केरकेट्टा : कहानियाँ हिन्दी में

Pyara Kerketta : Stories in Hindi