Lamabam Kamal Singh
लमाबम कमल सिंह
लमाबम कमल सिंह (1899-1935) का जन्म लाङ्थबाल कुञ्ज, कांचीपुर (मणिपुर) में हुआ ।
वह मणिपुरी भाषा के उपन्यासकार, कहानीकार, कवि तथा नाटककार थे । उनकी मुख्य कृतियाँ हैं :
उपन्यास : माधवी, कविता संग्रह : लई परेंग, नाटक : देवयानी, कहानी : ब्रजेंद्रगी लुहोंगबा। उन्हें 'कवि रत्न'
से सम्मानित किया गया ।
लमाबम कमल आधुनिक काल के मणिपुरी साहित्य की नींव रखनेवाले रचनाकारों में से एक थे। जिसे हम आज मणिपुरी भाषा की मौलिक और समृद्ध रचनाधर्मिता कहते हैं,
उसके विकास का मूल स्रोत कमल की कविताएँ हैं। उपन्यास, कहानी और नाटक के क्षेत्र में भी उनकी देन ऐतिहासिक महत्त्व रखती है। अडाङ्ल और चाओबा के
साथ मिलकर कमल ने मणिपुरी भाषा की अब तक की श्रेष्ठतम रचनाकार-त्रयी का निर्माण किया। कमल ने मणिपुरी भाषा और साहित्य की निर्धनता दूर करके उसे विश्व की समृद्ध भाषाओं और उनके
साहित्य के मध्य गौरवपूर्ण स्थान दिलाने का स्वप्न देखा था। साथ ही वे मणिपुरी साहित्य को उत्कृष्ट मानव-मूल्यों
और इतिहास व समाजगत सजगता से जोड़कर विकसित करना चाहते थे। उनका सम्पूर्ण साहित्य इसी
अद्भुत स्वप्न को साकार करने की महती साधना का प्रतिफल है।'-डॉ. देवराज।
Lamabam Kamal Singh Manipuri Novel, Stories in Hindi
लमाबम कमल सिंह की मणिपुरी उपन्यास, कहानियाँ हिन्दी में