Karoor Neelakanta Pillai
कारूर नीलकंठ पिल्लै
कारूर नीलकंठ पिल्लै (1898–1975) मलयालम के जाने-माने कथाकार हैं । उनका जन्म केरल के कोट्टयम् जिले के एट्टुमानूर
में हुआ। अध्यापन को उन्होंने अपनी वृत्ति बनाया। वे लेखकों के स्वामित्व में 1945 में स्थापित 'साहित्य प्रवर्तक सहकरण संघम्' के
संस्थापकों में एक हैं। 1945 से 1965 तक संघम् के सचिव रहे। 'मोतिरं' (अंगूठी), 'तिरंजेटुत्त कथकल्' (चुनिंदा कहानियाँ -दो भाग) सहित
उनकी कुल 37 कृतियाँ प्रकाशित हुई हैं । उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए वे दो बार केरल साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत हुए हैं ।