Jagdish Chandra Mathur
जगदीशचंद्र माथुर
जगदीशचंद्र माथुर (१६ जुलाई, १९१७ - १९७८) हिंदी के लेखक एवं नाटककार थे। वे उन साहित्यकारों में से हैं
जिन्होंने आकाशवाणी में काम करते हुए हिन्दी की लोकप्रियता के विकास में महत्वपूर्ण योगदान किया। रंगमंच के निर्माण,
निर्देशन, अभिनय, संकेत आदि के सम्बन्ध में इनको विशेष सफलता मिली है। परिवर्तन और राष्ट्र निर्माण के ऐसे ऐतिहासिक
समय में जगदीशचंद्र माथुर, आईसीएस, ऑल इंडिया रेडियो के डायरेक्टर जनरल थे। उन्होंने ही 'एआईआर' का नामकरण
आकाशवाणी किया था। टेलीविज़न उन्हीं के जमाने में वर्ष १९५९ में शुरू हुआ था। हिंदी और भारतीय भाषाओं के तमाम बड़े
लेखकों को वे ही रेडियो में लेकर आए थे। उनकी रचनाएँ हैं; उपन्यास : यादों का पहाड़, आधा पुल, मुठ्ठी भर कांकर, कभी न
छोड़ें खेत, धरती धन न अपना; नाटक : 'भोर का तारा' (1946 ई.),
'कोणार्क' (1951 ई.),
'ओ मेरे सपने' (1950 ई.)
'शारदीया' (1959 ईं),
'दस तस्वीरें' (1962 ई.),
'परंपराशील नाट्य' (1968 ई.),
'पहला राजा' (1970 ई.)
'जिन्होंने जीना जाना' (1972 ई.)
Hindi Plays : Jagdish Chandra Mathur
हिन्दी नाटक : जगदीशचंद्र माथुर