Frans Eemil Sillanpää
फ़्रांस एमिल सिलांपा
फ्रांस एमिल सिलांपा (उच्चारण (16 सितंबर 1888 - 3 जून 1964) फिनिश लेखक थे। 1939 में, उन्हें "अपने देश के किसानों की गहरी समझ, उनके जीवन के तरीके और प्रकृति के साथ उनके संबंधों को
उत्कृष्ट कला के साथ चित्रित करने के लिए" साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया । साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले फिनिश लेखक बने।
एमिल सिलांपा का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में हुआ। पिता दिहाड़ी मजदूर थे और मां नौकरानी। गरीबी की हालत यह थी कि फिनलैंड के भयानक सर्दी वाले वातावरण में पाला पड़ने से उनकी मामूली
फसलें, बीज और पालतू पशु ही नहीं कई बच्चे भी मारे गए और कुदरत के चमत्कार से सिर्फ सिलांपा ही बच पाए। बालक सिलांपा को एक घुमंतू स्कूल मिला, जिसमें प्रारंभिक शिक्षा हुई। 1908 में मैट्रिक पास की
और किसी दयालु आदमी की दरियादिली के चलते हेलसिंकी विश्वविद्यालय में जीव- विज्ञान की पढाई शुरू कर दी। विश्वविद्यालय में दत्तचित्त होकर पढाई में जुटे सिलांपा को लेखक, कलाकर और बुद्धिजीवी
दोस्तों की सोहबत मिली और वे पाठ्यक्रम के अलावा भी दूसरी किताबें पढ़ने लगे।
विश्व साहित्य में सिलांपा को अपने देश की जनता और प्रकृति से प्रेम करने वाले और लेखन में प्रकट करने वाले अद्भुत और महान लेखक के रूप में जाना जाता है। उनके उपन्यास ‘मैड सिल्जा‘ पर तीन बार
लोकप्रिय फिल्में बनीं और अनेक कहानियों और उपन्यासों पर ढेरों फिल्में बनी हैं।
Frans Eemil Sillanpää : Finnish Stories in Hindi
फ़्रांस एमिल सिलांपा : फिनिश कहानियाँ हिन्दी में