Digambar Balkrishna Mokashi दिगंबर बालकृष्ण मोकाशी
दिगंबर बालकृष्ण मोकाशी (27 नवंबर 1915 - 29 जून 1981 पुणे) मराठी उपन्यासकार, लघु कथाकार और संकलन लेखक थे। मोकाशी ने बम्बई में सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया और 16 नवंबर 1930 को गिरफ्तार कर लिए गए और उन पर आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 14, 1908 की धारा 17 (1) के तहत आरोप लगाए गए। 21 नवंबर 1930 को उन्हें दोषी ठहराया गया और छह महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। उन्हें उनकी कृतियों सीक्रेट (1957), पालखी (1957), स्थल यात्रा (1958), आमोद सुनासी आले (1960), देव चालले (1962) और ज़मीन आपली ऐ (1966) के लिए याद किया जाता है। उनके कथासंग्रह: लामण दावा (1941), कथा मोहिनी (1953), तथा आमोद सनासी आली (1960) प्रकाशित हुए हैं। बाल साहित्य पर भी उनकी चार पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। “आमोद सनासी आली” संग्रह महाराष्ट्र सरकार द्वारा सम्मानित हुआ। उन्हें महाराष्ट्र भूषण सम्मान दिया गया ।