Derenik Demirchian देरेनिक दमिरचियन
देरेनिक दमिरचियन (1877 - 1956) का जन्म अहलकलाकी शहर (जार्जिया) में हुआ था । दमिरचियन जिनेवा विश्वविद्यालय से प्रकृति-विज्ञान में स्नातक बने थे।
इसके साथ ही साहित्य और शिक्षा शास्त्र संबंधी व्याख्यानों का पाठ्यक्रम पूरा किया और 'कन्जरवेटाइर' में अध्ययन भी किया। देरेनिक दमिरचियन के रचनात्मक साहित्य
ने आरमेनियन गद्य और नाटकों के विकास को बहुत प्रभावित किया है । दमिरचियन की मुख्य रचनाएं हैं- 'वसाक', 'मुकदमा', ( रिच ओवनान), 'बहादुर नासर' और 'मेरा
स्वदेश' (नाटक), 'वरदानक' (उपन्यास) और कुछ कहानी-संग्रह ।