B. S. Ramiah
बी.एस. रामैया
श्री बी.एस. रामैया का जन्म 12 मार्च, 1905 में मदुरै जिला के वत्तलकुणउ नामक गाँव में हुआ था, जो देशभक्त सुब्रह्मण्यम शिवा का जन्म स्थान है।
बालक रामैया के मन में अपने जन्मस्थान की गरिमा पर सहज ही गर्व रहा और तदनुरूप उनमें देशभक्ति एवं साहित्य-रचना जिज्ञासा जग उठी। वे 1930 में
सत्याग्रह में भाग लेकर जेल गए। 1933 में प्रसिद्ध तमिल पत्रिका 'आनंद विकटन' द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिता में उनकी पहली कहानी 'मलरुम् मणमुम'
(फूल और सुगंध) को दिवतीय पुरस्कार मिला। 'मणिक्कोडि' पत्रिका के सह संपादक भी रहे। मणिक्कोडि युग को आज भी प्रगतिशील तमिल कहानी साहित्य
का एक उज्ज्वल युग माना जाता है। सिनेमा में भी उन्होंने अपना योगदान दिया है। उनके नाटक रंगमंच पर प्रदर्शित हुए हैं और उनका फिल्मांकन भी हुआ है।
उनकी प्रकाशित कृतियों में कहानी-संग्रह, उपन्यास, नाटक और लेख शामिल हैं।
Tamil Stories in Hindi : Batlagundu Subramanian Ramiah
तमिल कहानियाँ हिन्दी में : बतलागुंडू सुब्रमण्यम रमैया