Avetik Isahakyan अवेतिक ईसाहकियान
अवेतिक ईसाहकियान ( 1875-1957) का जन्म लेनिनकान नगर के पास स्थित काजरपाट गांव में हुआ था।
आपने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आरमेनियाई पादरी स्कूल, अलेक्जेंड्रोपोल में पाई । इसके बाद इचमियादजिन में
गुरुकुल की शिक्षा पूरी करके ईसाह कियान अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए विदेश गए । इन्होंने लिपजिग
विश्व- विद्यालय में प्रवेश लिया और साहित्य, इतिहास, दर्शनशास्त्र, नृतत्वशास्त्र और मानव-जाति विज्ञान पर व्याख्यान सुने ।
इसके साथ ही इन्होंने विश्व साहित्य का भी अध्ययन किया ।
इस दौरान ईसाहकियान ने ग्रीस और इटली की भी यात्रा की और 1895 मैं अपनी मातृभूमि लौट आए। 1911 में वह फिर
से विदेश यात्रा के लिए निकले और इस बार 1926 में अपनी मातृभूमि आरमेनिया लौट आए ।
ईसाहकियान की कविताओं का पहला संग्रह गीत और घाव 1895 में प्रकाशित हुआ था। उनके गीत, बैले, कविताएं,
कहानियां, परी कथाएं और विशेषकर उनकी कविता - अबुल-अल-मारी ने उन्हें विश्वख्याति दिलायी ।