फर्स्ट एट्रेक्शन (कहानी) : ज्योति नरेन्द्र शास्त्री

First Attraction (Hindi Story) : Jyoti Narendra Shastri

प्राची ने जैसे ही इंस्टाग्राम ओपन किया उसके पास एक अनजान शख्स की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई । प्राची एक सुसंस्कारित लड़की थी किसी अनजान शख्स को अपनी फ्रेंड रिक्वेस्ट में जगह देना उचित नहीं समझा । प्राची का अधिकतर समय पढ़ने में जाता था । पढ़ाई करते समय जब वह यदा कदा उबाऊ महसूस करती थी तों बैडमिंटन खेल लिया करती थी । उसने अपने आप को बहुत मजबूत बना रखा था । उसका मन अभी तक इतना स्थिर था की शायद वह किसी भी घटना से नही हिल सकता था । तमाम खूबिया होने के बावजूद प्राची को खुद में एक कमी थी उसका रंग गहरा साँवला था । प्राची जिस अभिजात्य वर्ग से आती थी उसमे शादी विवाह में गौर वर्ण को प्राथमिकता दी जाती थी ।

प्राची को भी घरवालों ने शुरु से यही कह रखा था की अगर ठीक ठाक पढ़ लेगी या सरकारी नौकरी लग जाएगी तों तुझे अच्छा घर बार मिल जायेगा नहीं तों 2 जून की रोटी मिले ऐसा घर बार मिल जाये उसका भी ठिकाना नहीं ।

प्राची ने भी एक जिद्द बना रखी थी जैसे सरकारी नौकरी ही उसके जीवन का उद्देश्य हो । ऐसी चीजे जो उसके मन को भटकाये वह अपने जीवन मे नहीं लाना चाहती थी । प्राची ने क्लर्क के लिए कुछ दिनों पहले जो एग्जाम दिया था आज उसका रिजल्ट आ गया और प्राची को भीलवाड़ा में घर से तकरीबन 300 किलोमीटर दूर जोइनिंग मिल गई । जॉब लगी उस समय प्राची की उम्र तकरीबन 22 साल रही होगी । लड़की उम्र से भी परिपक्व हो गई है और अपने पैरो पर भी खड़ी हो गई है इसलिए उसके पिता राजेंद्र प्रसाद ने प्राची के लिए रिश्ता देखना शुरु कर दिया ।

प्राची के जॉब में होने के बाद भी कही ना कही उसके विवाह में अड़चने आ ही रही थी । कभी उसका रंग सुंदर ना होने की वजह से लड़का मना कर देता तों कभी लड़के का परिवार मना कर देता । इसी तरह दों साल बीत गये । लोगो ने भी ताने मारने शुरु कर दिये थे की जवान लड़की को कब तक घर में बिठाकर रखोगे । कोई बेरोजगार लड़का ही देख लो । अब प्राची के पापा के सामने दों समस्या थी पहली तों लड़का मिल ही नहीं रहा था दूसरी समस्या ये थी की अगर वो बेरोजगार लड़का देखता है तों लोग वैसे ताने मारेंगे की प्राची में क्या कमी थी जो मेल भी नही मिलाया बिना मेल के ही शादी कर दी ।

बड़ी मुश्किल से प्राची के पिता ने एक जगह बात चलाई लड़का । लड़का कलेक्टर साहब के दफ्तर में बाबू था । कलेक्टर साहब के दफ्तर में बाबू होना भी किसी अधिकारी के स्तर से कम नहीं होता । साथ में लड़का खानदानी था । आसपास के गाँवों में अत्रि परिवार के नाम का डंका बजता था । यही सोचकर राजेंद्र प्रसाद ने प्राची का रिश्ता उस घर में करने की ठान ली थी । आज लड़का प्राची को देखने आया था । प्राची का ये पहला एक्सपीरियंस नही था जब उसे कोई लड़का देखने आया हो इससे पहले भी प्राची को काफी लड़के देख कर जा चुके थे । लड़के के सामने आने पर जैसे ही प्राची की नजर लड़के पर पड़ी प्राची विस्मित हो गई । आज तक उसे जितने भी लड़के देखने आये थे वो सब उसमे से आधे भी सुंदर नहीं थे । बातचीत का सिलसिला शुरु हुआ । लड़के ने अपना नाम बताकर शुरुआत की । प्राची को उम्मीद थी की सुरेन भी अन्य लड़को की तरह उसे रिजेक्ट कर देगा । क्योकि सुरेन को उससे भी बैटर लड़की मिल सकती है । लेकिन शाम को आये एक कॉल ने प्राची को अहसास दिलवा दिया की अब उसके भी भाग्य बदलने वाले है । सुरेन ने घरवालों के प्रतिरोध के बावजूद प्राची से रिश्ते की हामी भर दी थी । लेकिन सुरेन के घर के माली हालात ठीक ना होने की वजह से उन्हीने रिश्ता करने में 2 साल का वक्त मांगा । राजेंद्र प्रसाद ने उन्हे सहर्ष वक्त दे दिया ।

इसी दौरान प्राची के पास एक अजनबी शख्स की बार-बार इंस्टाग्राम पर फ्रेंड रिक्वेस्ट आने का सिलसिला शुरु होता है । शुरु में प्राची ने कई बार इग्नोर किया और रिक्वेस्ट को डिलीट कर दिया लेकिन बार-बार आने से उसने सोचा चलो एक्सेप्ट कर लेते है । उस शख्स ने प्राची की प्रोफइल में सभी फोटो पर जबरदस्त कमेंट किये , प्राची को लगा शायद कोई टेलेंटेड बंदा है । धीरे-धीरे दोनो में बाते होने लगी । ये प्राची का फर्स्ट एट्रेक्शन था । एट्रेक्शन प्यार में बदला । प्राची जिस लड़के से बात किया करती थी उसका नाम बंटी था । बंटी प्राची के सीधेपन का फायदा उठाकर उससे रुपये एंठ रहा था । प्राची को वह अपने माँ- बाप की वृद्धावस्था व चार बहनो का हवाला देकर खुद की मजबूरी दिखाता था की वह पढना चाहता है किन्तु परिस्थतिया आड़े आ रही है । प्राची अपनी सैलरी में से हर माह उसको खर्चा भेज दिया करती थी । उसके कपड़े , फीस , यहां तक उसके रिचार्ज के पैसे भी प्राची ही भेजती थी । अफैयर के एक साल बाद प्राची को किसी तरह पता चला की बंटी शराब भी पीता है , नशा भी करता है । प्राची ने हर कोशिश की किसी तरह बंटी को सही रास्ते पर लाने की । लेकिन बंटी ना तों सही रास्ते पर आना चाहता था ना खुद को बदलना । हालांकि वह प्राची के सामने दिखावा करता था की उसने खुद को बदल लिया और प्राची उसकी बातो पर भरोसा भी कर लेती थी ।

कुछ दिनों बाद प्राची की सगाई सुरेन से तय हो गई । प्राची ने तमाम कोशिशे की की किसी तरह सगाई टूट जाये तों बंटी से उसकी शादी आसानी से हो जाएगी । बंटी के प्रति चलते आकर्षण के सुरेन प्राची को फूटी आँखो नहीं सुहाता था । बंटी को भी इस बात की भनक थी की अगर दोनो का रिश्ता सही रहेगा तों तेरा रास्ता बंद हो जायेगा । रास्ता बंद होने का एक मतलब यह भी था की प्राची की तरफ से उसको मिलने वाले सभी रुपये मिलने बंद हो जाएंगे । इसलिए मौका मिलने पर वह प्राची को भड़काने की कोशिशे करता रहता । प्राची के दिलो दिमाग़ पर उसने इस कदर असर कर दिया था की बंटी के सिवाय उसे कुछ सही या गलत नहीं दिखता । वह उसके झूठे प्रेम के मकड़जाल में उसी तरह फंस चुकी थी जिस तरह जादूगरी का खेल दिखाने वाला सम्मोहित करके सबको बाँध लेता है फिर वह जो दिखाना चाहता है वही दिखता है ।

प्राची ने अनमने मन से शादी की । उस पर बंटी का नशा अब भी नहीं उतरा था उसने कुछ दिनों बाद बंटी को मिलने का वायदा कर रखा था । शादी के चौथे दिन सुरेन ने प्राची को जल्दी से तैयार होने के लिए कहा उन्हे किसी से मिलने जाना है । प्राची हैरान थी , अचानक बने इस प्रोग्राम से वह सोच रही थी इस तरह अचानक किससे मिलने !

दोनो तैयार होकर गाडी में बैठकर निकल चुके थे । सुरेन ने महिला सुधार गृह के नजदीक जाकर गाडी रोक दी । दोनो अंदर जाते है । आओ प्राची तुम्हे किसी से मिलाना है । सामने एक लड़की खड़ी थी जो कुछ सामान्य हालत में नहीं दिख रही थी । ये मनीषा है जानती हो , खैर तुम कैसे जानोगी ? अपनी जेब से मोबाइल निकालकर एक तस्वीर दिखाता है । प्राची उस तस्वीर को देखते ही सर पकड़ कर बैठ जाती है । उस तस्वीर में मनीषा और मोहित इतने क्लोज खड़े थे की उसको देखकर कोई भी अनुमान लगा सकता था की उनका रिश्ता सहज नहीं था ।

प्राची बंटी ने सिर्फ तुम्हारी ही फीलिंग्स के साथ खिलवाड़ नहीं किया । मनीषा दीदी भी डॉक्टर थी और तुमसे ज्यादा उसे सपोर्ट करती थी लेकिन बदले में क्या मिला । बेवफाई , धोखा , भावनाओं से खिलवाड़ । प्राची को लग रहा था अब सुरेन को पता लग जाने से उसका डाइवोर्स पक्का है । और अब कौन मुझे एक्सेप्ट करेगा । समाज , घर वाले या रिश्तेदार । हर कोई ताना देगा । ऐसे जीवन से तों मरण ही बेहतर है । चेहरे के मनोभावो को समझकर सुरेन ने कहा घबराओ मत प्राची तुम्हारा ये राज तुम्हारे और मेरे अलावा मेरी परछाई भी नहीं जानेगी । और ना मै कभी तुम्हे छोड़ कर जाऊंगा । तुम्हारी जगह मेरे दिल में अब भी उतनी ही है जितनी पहले थी । मुझे ये सब पहले से पता था । किन्तु मै तुम्हे अहसास दिलवाना चाहता था जो मैने दिलवा दिया ।

प्राची की आँखे डबड़बा रही थी । आँसू रुकने का नाम नही ले रहे थे । मैने इतना सब किया फिर भी । वो तुम्हारी नादानी थी प्राची तुम फर्स्ट एट्रेक्शन को ही प्यार समझ बैठी । प्यार तों वो सब है जो मुझे तुम्हारी आँखो में दिख रहा है ......... ।

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